कोलकाता। अपनी सरकार द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार रोधी अभियान के बारे में बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि इस संबंध में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा और यहां तक कि अगर उन्होंने खुद भी अगर कुछ गलत किया तो वह भी जेल जाने को तैयार हैं।
सोनोवाल ने इंडिया टूडे कंक्लेव इस्ट में कहा कि हमारी सीआईडी और सतर्कता विभाग ने सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य में भ्रष्टाचार के संबंध में कई पूर्व मंत्रियों से पूछताछ की है। ऐसा नहीं है कि हमने जांच रोक दी है। यह जारी है। अगर मैं भी कुछ गलत करूंगा तो उसके लिए मैं भी जेल जाने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि जो भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को लेकर गंभीर हैं वह यह मानेंगे कि मुख्यमंत्री के कार्यालय से लेकर ग्राम पंचायत तक इस संबंध में कोई भेदभाव नहीं है। सोनोवाल ने कहा कि कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के पहले दिन से ही हमने भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी थी और हमने मंत्रिमंडल की बैठक में सभी अवैध खंडों को समाप्त करने और राजस्व संग्रहण विभाग को मजबूत करने का निर्णय लिया था, जिस वजह से हमारे शासन काल में राजस्व संग्रहण में 21.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बार कार्रवाई शुरू करने के बाद, लोगों को यह संदेश जाएगा कि प्रतिबद्धता से काम करना होगा, नहीं तो सजा भुगतनी होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करेगी जो कि पहले कांग्रेस में थे और अब उनकी सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने कहा कि हम पूर्वाग्रह के आधार पर काम नहीं करेंगे। हम बिना भ्रष्टाचार के सबूत के बिना कार्रवाई नहीं कर सकते। अगर किसी के खिलाफ कुछ भी साबित होता है, तो उसे न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में है। जो भी निर्देश हमें प्राप्त होगा, हम उसे आगे बढ़ाएंगे। मामले की दोबारा सुनवाई 29 नवंबर को होगी। हम दोषमुक्त और सही ‘नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स’ चाहते हैं।