मीरपुर/नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में हार के बाद आलोचकों के निशाने पर आये कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि अगर भारतीय क्रिकेट में जो भी बुरा हो रहा है उसके लिए वह जिम्मेदार हैं तो वह कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं और एक खिलाड़ी के रूप में योगदान देंगे।
बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार श्रृंखला गंवाने के बाद धोनी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारतीय क्रिकेट में जब भी कुछ बुरा होता है तो हमेशा उसके लिए मैं ही जिम्मेदार होता हूं। जो भी होता है मेरे कारण होता है। यहां तक कि बांग्लादेश की मीडिया भी हंस रही है।
धोनी से जब अलग तरह से यह सवाल पूछा गया कि वह कब तक कप्तान बने रहेंगे तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पद पर बने रहेंगे लेकिन साथ ही उन्होंने पत्रकार पर निशाना भी साधा।
धोनी ने कहा कि मैं अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। लेकिन जब पहला सवाल पूछा गया तो मुझे पता था कि यह सवाल भी पूछा जाएगा। इस तरह के सवाल हमेशा सामने आते हैं।
मीडिया को मुझसे प्यार है। अगर यह उचित है, अगर आप मुझे हटाते हो और भारतीय क्रिकेट अच्छा करने लगता है और अगर भारतीय क्रिकेट में जो भी बुरा हो रहा है उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं तो निश्चित तौर पर मैं पद छोड़कर खिलाड़ी के रूप में खेलने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन कप्तान है क्योंकि मैं कभी कप्तान के आड़े नहीं आया। यह मेरे लिए काम या जिम्मेदारी है। अगर वे इसे मुझसे लेना चाहते हैं तो मुझे कोई परेशानी नहीं है।
पूर्व भारतीय खिलाड़ियों ने धोनी का किया समर्थन
पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों ने एक दिवसीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि उनको कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी, दिलीप वेंगसरकर और अजित वाडेकर तथा क्रिकेटरों में चेतन चौहान, चंडू बोर्डे, सैयद किरमानी और किरन मोरे ने धोनी का जोरदार समर्थन किया है।
वेंगसरकर ने बताया कि मुझे नहीं लगता कि कोई धोनी का स्थान ले सकता है। उन्होंने हाल ही में भारत को विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया और यह उसके बाद पहली श्रृंखला है। उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। भारतीय क्रिकेट पर अपनी स्पष्ट राय रखने वाले बेदी बांग्लादेश में टीम के लचर प्रदर्शन के लिए अकेले धोनी को ही दोषी नहीं मानते।
उन्होंने कहा कि मैं किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे रहा हूं। भारत को पूरी टीम के लचर प्रदर्शन के कारण श्रृंखला गंवानी पड़ी। धोनी की कप्तानी के मसले पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। यह भी देखो कि उन्होंने मीडिया से जो कुछ कहा वह केवल निराशा में कहा।
बिशन सिंह बेदी ने कहा कि कप्तानी में ऐसा होता है। जब टीम जीत दर्ज करती है तो आपकी तारीफ होती है और हारने पर आलोचना। वह पहले ही टेस्ट कप्तानी छोड़ चुका है। वनडे के बारे में मैं नहीं जानता। लेकिन पहली बार मैंने उसकी झल्लाहट देखी और यह किसी भी तरह से अच्छा संकेत नहीं है।
वाडेकर ने कहा कि धोनी अब भी वनडे और टी-20 में भारत की अगुवाई करने के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वनडे और टी20 में कप्तानी के लिये वह अब भी सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति है। उन्हें कप्तान बनाये रखा जाना चाहिए। यह (हार) हतप्रभ करने वाली है। शायद उन्होंने बांग्लादेश को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें संभवत: वनडे श्रृंखला की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
चंदू बोर्डे ने कहा कि धोनी की कप्तानी बरकरार रखनी चाहिए क्योंकि मेरे अनुसार यह केवल एक उलटफेर है लेकिन इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा। बांग्लादेश ने हमें हैरान किया। हमारे खिलाड़ियों ने जज्बा नहीं दिखाया जबकि बांग्लादेश के खिलाड़ियों के हाव-भाव लाजवाब थे।
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने चेतन चौहान ने कहा कि अभी कप्तानी में बदलाव की जरूरत नहीं है । उन्होंने कहा कि मैं किसी एक श्रृंखला के आधार पर जल्दबाजी में फैसला करने के पक्ष में नहीं हूं। मैं चाहता कि इस सत्र में विराट कोहली केवल टेस्ट मैचों में कप्तानी करे। मेरे हिसाब से धोनी को अगले साल भारत में होने वाली विश्व टी-20 तक वनडे और टी-20 का कप्तान बने रहना चाहिए।
पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने कहा कि कप्तानी में बदलाव की बात बेतुकी है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि धोनी अब भी सर्वश्रेष्ठ है और वह अब भी भारत को काफी कुछ दे सकता है। कोई भी इस तरह की हार से गुजर सकता है। पूरी टीम ही थकी हुई लग रही है। उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि खिलाड़ियों के लिये सर्वश्रेष्ठ क्या है।
एक अन्य पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विजय दहिया ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस समय वनडे कप्तानी में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। धोनी जानता है कि परिस्थितियों के अनुसार कैसा खेलना है। मैं चाहता हूं टेस्ट से संन्यास लेने के बाद धोनी अन्य प्रारूपों में बने रहें।