नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स की इस अर्जी को स्वीकार कर लिया है कि उसे 10 जनवरी तक 10 करोड़ रुपए जमा करने में छूट दी जाए।
सुपरटेक ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से उसे पैसे जुटाने में दिक्कत हो रही है। कोर्ट ने उसकी दलील को स्वीकार करते हुए 20 मार्च तक 10 करोड़ जमा करने की छूट दी।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को आदेश दिया था कि वह कोर्ट की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपये जमा करे ताकि नोएडा के एमराल्ड कोर्ट के फ्लैट धारकों को पैसे दिए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हमें ऐसा लगेगा कि इन दोनों टावर्स का निर्माण कानून का उल्लंघन कर किया गया, तो हम उसे तोड़ने की अनुमति देंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर उन्हें गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था।