सबगुरु न्यूज़ उदयपुर। जम्मू और कश्मीर और इसके बाद नागालैंड की फर्जी सील चस्पां कर फर्जी लाइसेंस के जरिये रसूखदारों को औने पौने दाम पर अवैध हथियार थमाने वाले दलाल और तस्कर एटीएस और पुलिस की पकड़ से अब भी दूर दिखाई दे रहे हैं।
छापामार कार्यवाही में भले ही एटीएस ने कई प्रोपर्टी डीलर, मादक पदार्थो के अवैध कारोबार में लिप्त बदमाशों और भाजपा-कांग्रेस समर्थित कुछ नेताओं या उनके रिश्तेदारों को हथियार व फर्जी लाइसेंस समेत पकड़ा हो, लेकिन इस रैकेट में लिप्त दलाल और तस्कर अब तक जांच एजेसियों को लगातार गच्चा ही दे रहे हैं।
एटीएस ने इन तक पहुंचने के लिये संबंधित जिला पुलिस के विशेष दस्ते गठित किए, लेकिन हथियारों के असली सौदागरों को पकडऩे में एटीएस और पुलिस के प्रयास अभी नाकाम ही दिख रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि एटीएस के छापों और उसमें उदयपुर सहित अन्य जिलों से अब तक जो भी रसूखदार हथियार सहित पकड़े गए वे एक आम ग्राहक के रूप मेें ही नजर आए हैं। न्यायालय ने भी सबूत कम बताए और उन्हें जमानत पर छोड़ा। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि इस बड़ी डील और तस्करी के असली सौदागर अब तक पकड़ में क्यों नहीं आए।
चर्चा यह भी है कि एटीएस की छापामार कार्यवाही और उसके बाद अवैध हथियार व लाइसेंस रखने वाले रसूखदारों के नाम एक-एक कर सार्वजनिक होने के बाद पर्याप्त सबूतों के अभाव में जमानत मिल जाने से एक तरह से दलालों को भागने का मौका मिल गया है। पकड़ में तो ग्राहक आए हैं जो ठगे गए हैं।
सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि एटीएस का शिकंजा दलालों तक क्यों नहीं कसा जा सका? कानूनविद भी यही कहते हैं कि किसी भी कारोबार में ग्राहक तो आसानी से पकड़ मेें आ जाते हैं। क्योंकि उनकी सूची तो पहले ही सरकार के पास मौजूद होती है। दोषियों को पकडऩा जांच एजेंसियों के लिये एक चुनौती बन गया है।
राजस्थान में उदयपुर सहित कई शहरों में अजमेर के एक प्रभावशाली दलाल का नाम उजागर होने और उसके पकड़ में आने के अलावा कोई बड़ा सौदागर अब तक नहीं पकड़ा गया। अब उक्त मामले की लगातार खुल रही परतों में कहा गया है कि कई अवैध हथियार और लाइसेंस जम्मू और कश्मीर के अलवा नागालैंड से भी जारी हुए हैं या वहां से तस्करों के जरिये यहां के रसूखदारों को सप्लाई किए गए हैं।
ज्ञात रहे कि विगत दिनों आतंकवादी निरोधक दस्ते की अलग-अलग टीमों ने पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में अवैध हथियार और फर्जी लाइसेंस के जरिये घातक हथियार रखने वाले रसूखदारों को हथियार समेत पकड़ा था। अब पूरा मामला जम्मू और कश्मीर से सीधे नागालैंड पहुंच गया है।
पुलिस ने हाल ही इस मामले में डूंगरपुर हाल सेक्टर 11 निवासी विजय चौबीसा, बांसवाड़ा के हर्ष पुत्र राधाकिशन खत्री और सुरेन्द्र पुत्र भगवान खत्री से अवैध हथियार बदामद किए हैं। नागालैंड में सक्रिय इस गिरोह का पता लगाने के लिये कार्यवाही की जा रही है।