मुंबई। मुंबई महानगर पालिका चुनाव को लेकर इस समय चल रही गहमागहमी से शहर का माहौल चुनावी बनता जा रहा है। इस चुनावी माहौल में शिवसेना बगावत से परेशान है तो भाजपा में बाहरी नेताओं के आने से रौनक है। हालांकि भाजपा में बाहरी नेताओं के आने से पुराने भाजपाई परेशान नजर आने लगे हैं।
शिवसेना ने अपने बल पर मुंबई महानगरपालिका की 227 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, लेकिन उम्मीदवारों का चयन पार्टी के लिए मुश्किल पैदा कर दिया है। अपेक्षित सीटों पर टिकट न मिलने से गुरुवार को शिवसेना के तीन नगरसेवकों व एक पूर्व नगरसेवक ने पार्टी को राम-राम कह दिया। इनमें से तीन ने भाजपा का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
इनमें प्रभाकर शिंदे, नानाआंबोले व दिनेश पांचाल शामिल हैं। चौथे किशोरी पेडणेकर अभी तक अनिर्णय की स्थिति में हैं। इसी प्रकार शिवसेना की महापौर स्नेहल आंबेकर व पूर्व महापौर शुभा राउल ने भी अपेक्षित सीट न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की है जबकि पूर्व महापौर श्रद्धा जाधव का टिकट काट दिया गया है।
वड़ाला में टिकट को लेकर ही स्थानीय शिवसेना की शाखा में ताला ठोंक दिया गया है। दादर में विधायक पुत्र समाधान सरवणकर को टिकट दिए जाने का भी जोरदार विरोध किया जा रहा है। इतना ही नहीं मुंबई की अधिकांश सीटों पर इस समय शिवसेना खेमे में नाराजगी देखी जा रही है।
इसी तरह भाजपा में अन्य दलों के नेताओं के आने से उत्साह का माहौल है, जबकि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता नाराज हो रहे हैं। मुलुंड में शिवसेना से प्रभाकर शिंदे को लाकर भाजपा टिकट देना चाहती है, इससे पुराने विधायक सरदार तारासिंह नाराज बताए जा रहे हैं।
मुलुंड से सरदार तारासिंह अपने बेटे राजनीत सिंह को टिकट दिलाना चाहते थे। टिकटों को लेकर चल रही वर्चस्व की लड़ाई शुक्रवार तक चलने वाली है।