इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तून्खवा प्रांत के कराक जिले में एक हिंदू मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य के लिए प्रख्यात शिल्पकार को नियुक्त किए जाने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस जवाद एस ख्वाजा के नेतृत्व में सुप्रीमकोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के सदस्य डॉ. रमेश कुमार वांकवानी, केपी गृह सचिव अरबाब मोहम्मद आरिफ और कराक के उपायुक्त शोएब जादोन से मिल बैठकर यहां के टेरी गांव स्थित परमहंस जी महाराज के समाधि स्थल के पुनर्निमाण की योजना तैयार करने को कहा है।
हिंदुओं के प्रमुख संत परमहंस जी महाराज की वर्ष 1919 में मृत्यु के बाद उनके समाधि स्थल पर मंदिर का निर्माण किया गया था जो 1997 तक नियतित रुप से श्रद्धा का केंद्र बना हुआ था। लेकिन इसके बाद मंदिर को तोड़ डाला गया।
एक स्थानीय मुफ्ती मौलवी इफ्तिखारउद्दीन ने संपत्ति पर अपना दावा ठोंक दिया जिसके बाद यह मामला अदालत में चला गया था लेकिन इस वर्ष 16 अप्रेल को न्यायालय ने विवाद स्थल पर मंदिर के निर्माण का आदेश दे दिया।
जिले के उपायुक्त जादोन ने मंदिर के पुनर्निमाण की तस्वीरें दिखा कर कोर्ट को आश्वस्त करते हुए कहा कि हमने मौलवी के घर से होकर मंदिर को रास्ता दे दिया है और चहारदीवारी बनाने का कार्य भी शुरू हो चुका है।
लेकिन न्यायालय इससे संतुष्ट नहीं हुआ और स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि मंदिर के पुनर्निर्माण में कोई भी ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। इसके लिए कोर्ट ने लाहौर के शहाल्मी बाजार में कुछ वर्ष पहले हुए एक मंदिर पुनर्निर्माण हवाला भी दिया।