शिमला। बीसीसीआई अध्यक्ष व सांसद अनुराग ठाकुर को हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन के एक मामले में आज उच्च न्यायालय से राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने बुधवार अनुराग ठाकुर व अन्य के खिलाफ स्टेडियम व चारदीवारी के निर्माण के लिए जबरन अतिक्रमण करने के मामले में दर्ज मामले को रद्द कर दिया है।
अक्तूबर 2013 में अनुराग व अन्य एचपीसीए अधिकारियों पर ये एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ एचपीसीए ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।जस्टिस राजीव शर्मा की अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि एफआईआर व चार्जशीट में कई खामियां हैं।
कहीं ये जिक्र नहीं है कि एचपीसीए पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए किन उच्च अधिकारियों को को डराया-धमकाया, उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई और उसके बाद स्टेडियम व चारदीवारी बनाई।
इसलिए एफआईआर व चार्जशीट उचित प्रतीत नहीं हो रही। इसे देखते हुए एचपीसीए की याचिका को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ सीजेएम कोर्ट से जारी सम्मन को भी रद किया जाता है। इसी मामले में अगर कोई और याचिका लंबित है तो वे भी खारिज मानी जाएगी।
धर्मशाला विजिलेंस थाने में एचपीसीए के खिलाफ सरकारी जमीन कब्जाने एवं अन्य धाराओं के तहत मामला 3 अक्तूबर, 2013 को दर्ज किया गया था। उस दौरान एचपीसीए के खिलाफ ही दर्ज एक मामले की जांच के दौरान विजिलैंस को पता चला था कि स्टेडियम में 720 वर्ग मीटर जमीन का टुकड़ा है, जिसकी न तो लीज हुई है और न ही किसी प्रकार की अन्य प्रक्रिया व जमीन ट्रांसफर हुई थी।
विजिलेंस ने जांच के बाद 447, 120 बी, पीडीपी एक्ट व 13 (2) के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी और मामला कोर्ट में चला। इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी।