नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से हटाए जाने पर पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि दोनों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को हराने की कोशिश की इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है।
पार्टी के दिल्ली संयोजक और प्रवक्ता आशुतोष ने एक चैनल से बातचीत में कहा है कि दिल्ली विधानसभा के समय प्रशांत भूषण लगातार यह बात कह रहे थे, मैं चाहता हूं पार्टी चुनाव हारे और ये बात उन्होंने कई लोगों को खुलेआम कही और कहा कि पार्टी को 22 सीटें ही जीतनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यादव ने मीडिया में खबरें प्लांट की और इसका सबूत भी पार्टी को मिला जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया। गौरतलब है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में चार मार्च को राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में दोनों को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से हटाने का फैसला किया गया था।
इसके बाद से पार्टी में अन्य नेताओं के बीच वाकयुद्ध और ब्लाग के जरिये एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। आशुतोष ने कहा कि कार्यकारिणी ने दोनों को हटाए जाने पर यह फैसला किया था कि इस बारे में कोई बाहर बात नहीं करेगा किन्तु इस फैसले का पालन नहीं हुआ।
बैठक में लिए गए फैसले के बारे में कुछ लोगों ने ब्लाग लिखे कुछ ने साक्षात्कार दिए। इसकी वजह से भ्रम की स्थिति बन गई और पार्टी को नुकसान हुआ जिसकी वजह से अब पार्टी को औपचारिक रूप से सामने आना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि मयंक गांधी ने यादव और भूषण को हटाए जाने को लेकर दो ब्लाग में कई तरह के सवाल खड़े किए थे। आशुतोष से जब यह पूछा गया कि क्या दोनों को पार्टी से भी निकाला जा सकता है तो उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा दोनों को निकाले जाने के बारे में फैसला लेने के लिए राष्ट्रीय परिषद सक्षम हैं। परिषद की बैठक इसी महीने के आखिर में होने वाली है।