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सिरोही में एक बूथ पर 6 को होगा पुनर्मतदान - Sabguru News
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सिरोही में एक बूथ पर 6 को होगा पुनर्मतदान

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सिरोही में एक बूथ पर 6 को होगा पुनर्मतदान
pukhraj gahlot in tens mood in counting place in sirohi
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सिरोही। सिरोही जिला परिषद के वार्ड संख्या-17 के एक बूथ पर शुक्रवार को पुनर्मतदान होगा। इस वार्ड में कांग्रेस के पुखराज गहलोत चार वोटों से जीते थे। लेकिन, ईवीएम में तकनीकी समस्या आने से यहां पर फिर से मतदान करवाया जाएगा। ऐसे मे इस वार्ड का अंतिम परिणाम रोका गया है । जानकारी के अनुसार यह बूथ पिण्डवाडा पंचायत समिति का वरली ग्राम पंचायत का है। 

इस वार्ड में गुरुवार को हुए मतदान में कांग्रेस के पुखराज गहलोत को 5830, भाजपा के जयंतीलाल को 5826 तथा निदलीय अजीत रावल व पुष्पा कंवर को क्रमशः 439 व 252 वोट मिले थे। कांग्रेस के पुखराज गहलोत 4 वोट से जीते तो भाजपा ने पुनर्मतणना की आवश्यकता जताई, लेकिन यहां पर ईवीएम में एक समस्या आ गई थी। मतदान के दिन यहां पर जितने मत पडे उतने मत ईवीएम में नही दिखाए। ऐसे में पीआरओ के रजिस्टर और ईवीएम में मिले मतों में 41 मतों का अंतर आया।

दरअसल, जिस दिन वोट पडे थे उस दिन शुरुआती मत इस ईवीएम में रिकॉर्ड् ही नहीं हुए थे, जानकारी के अनुसार जब एक जागरूक मतदाता को ईवीएम का बटन दबाने पर बीप की आवाज सुनाई नहीं दी तो उसने पीआरओ का ध्यान इस ओर आकर्षित करवाया। इसके बाद पीआरओ ने गडबडी जांची और फिर ईवीएम में मतदान नोट होने लगे, लेकिन इससे पहले जो 41 मत पड चुके थे वह रजिस्टर में तो नोट हो गए थे, लेकिन ईवीएम मे रिकाॅर्ड नहीं हुए। यदि पुखराज गहलोत और भाजपा के प्रत्याशी जयंतीलाल के बीच जीत का अंतर 42 वोट भी होता तो यहां पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं रहती। ऐसे में विवाद को टालने को ईवीएम में रिकाॅर्ड नहीं हुए मतों को निर्वाचन विभाग दोनों प्रत्याशियों की सहमति से भाजपा के खाते में दे देता तब भी कांग्रेस एक वोट से जीत जाती। लेकिन, जीत का अंतर मात्र 4 वोट का है ऐसे में भाजपा के पास यह दावा करने का पर्याप्त कारण है कि ईवीएम में रिकाॅर्ड नहीं हुए सभी वोट उसे मिलते और वह 37 वोटों से इस वार्ड में जीत दर्ज कर सकती थी।

जिला निर्वाचन अधिकारी वी सरवन कुमार ने बताया कि इसी तरह की समस्या वार्ड संख्या-7 में भी आई थी, लेकिन वहां जीत का अंतर 1200 वोटों से ज्यादा का होने से पुनर्मतदान की आवश्कयता नहीं पडी। क्योंकि रिकाॅर्ड नहीं हुए सभी वोटों को निकटतम प्रतिद्वंद्वी के खाते में डालने पर भी वह जीत नहीं पा रहा था।

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