अहमदाबाद। पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आरएसएस ने बुधवार को आंदोलन के मुखिया हार्दिक पटेल पर निशाना साधा और पिछले महीने की रैली में उनकी उग्र चेतावनियों का जिक्र करते हुए आगाह किया कि अगर आंदोलन को विघटनकारी होने की इजाजत दी गई तो सामाजिक ताना बाना नष्ट हो जाएगा।
एक तरफ आरएसएस के एक शीर्ष पदाधिकारी ने हार्दिक को यह चेतावनी दी और उधर पटेल समुदाय से जुड़े लोगों ने अपने आर्थिक असहयोग अभियान के तहत एक गांव में बैंक की एक शाखा से अपनी रकम निकाल ली और समुदाय की महिलाओं को सरकार और भाजपा के कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी सौंपी।
आरएसएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनमोहन वैद्य आरक्षण मामले पर संगठन की राय जाहिर कर रहे थे। पटेल समुदाय के इस आंदोलन ने गुजरात में आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। आरएसएस ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह समाज में असमानता बने रहने तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मौजूदा आरक्षण ढांचे का समर्थन करती है।
संगठन के साप्ताहिक प्रकाशन साधना के आगामी अंक में प्रकाशित होने वाले एक साक्षात्कार में वैद्य ने कहा कि लोकतंत्र में, प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचारों को प्रकट करने और अपनी मांगों पर जोर देने की आजादी है और इससे कोई इंकार नहीं कर रहा है। लेकिन आंदोलन न तो समाज को बांटे और न ही देश को नुकसान पहुंचाए। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि समाज को बांटने वाले अथवा अव्यवस्था फैलाने वाले तत्वों को पटेलों के इस आंदोजन में शामिल नहीं किया जाए।
वैद्य ने हार्दिक की 25 अगस्त की विशाल रैली का जिक्र करते हुए कहा कि इसके पीछे हार्दिक पटेल द्वारा कहे गए पूरे भारत को अपनी स्थिति दिखा देंगे अथवा रावण की लंका जला देंगे जैसे शब्द हैं। इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किसी भी राष्ट्रभक्त के मन में चिंता पैदा कर सकता है। ऐसा आंदोलन समाज के ताने बाने को तबाह कर सकता है।
आरएसएस के राज्य प्रवक्ता प्रदीप जैन ने इस बात की पुष्टि की कि वैद्य के विचार ‘साधना’ में प्रकाशित होने वाले हैं। इस बीच ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर चलाए जा रहे अपने आंदोलन में तेजी लाते हुए पटेल समुदाय के लोग आर्थिक असहयोग के तहत बैंकों में जमा अपना धन निकालने के लिए यहां साबरकांठा जिले में एक बैंक में बड़ी संख्या में पहुंचे। इस दौरान भाजपा के सरकारी कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन की कमान महिलाओं को सौंपी गई।
पटेल समुदाय के खाताधारक साबरकांठा जिला सहकारिता बैंक की खेरोल गांव की शाखा में बड़ी संख्या में पहुंचे और अपना धन जो तकरीबन नौ करोड़ रूपए था, निकालना चाहा। बैंक की शाखा के अधिकारियों ने इतनी बड़ी मात्रा में धन की अदायगी में असमर्थता जताई।
अपने गांवों में पुलिसकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने की धमकी देने के बाद हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने आंदोलन का विस्तार करते हुए महिलाओं का आह्वान किया कि वह भाजपा के सरकारी कार्यक्रमों के दौरान प्रदर्शन का आयोजन करें। इस आह्वान के जवाब में समुदाय के सदस्य, जिनमें महिलाएं भी थीं, जामनगर, सुंदरनगर, अमरेली, भरूच और हिम्मतनगर जैसे गुजरात के कई जिलों में अभियान में शामिल हुए।