मुंबई/नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मंगलवार को जारी मौद्रिक नीति में रेपो रेट को चौथाई फीसदी घटा दिया है। इससे पहले रेपो रेट 6.50 फीसदी थी जो अब घटकर 6.25 फीसदी रह गई है।
वहीं, रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से घटकर 5.75 फीसदी कर दी गई है। इस कटौती के बाद अब सबकी निगाहें बैंकों की ब्याज दरों पर टिकी हैं, उम्मीद की जा रही है कि दिवाली से पहले बैंक तोहफे के तौर पर ब्याज दरें घटा सकते हैं।
रिजर्व बैंक के नए गवर्नर बने उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मंगलवार को अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की।
मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मत दिए। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को रघुराम राजन की कठोर मौद्रिक नीति से उलट नरम मौद्रिक नीति का रुख अख्तियार किया है।
रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर के मार्च 2017 तक 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। बैंक का मानना है की यह इससे उंचे भी जा सकती है। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6% पर बरकरार रखा गया है।
अब अन्य भारतीय बैंक भी अपने ब्याज दर में कमी करेंगे, जिससे ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ कम हो जाएगा। इस कटौती से पूर्व 2015 से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में डेढ़ प्रतिशत की कटौती की थी, जिसमें मात्र औसतन आधा प्रतिशत कटौती का लाभ ही ग्राहकों को बैंकों ने ट्रांसफर किया था।
इसको लेकर रिजर्व बैंक ने नाराजगी जताई थी। रेपो रेट में कटौती के चलते लघु बचत योजनाओं की दरों में बैंक कर्ज सस्ता करेंगे, ऐसी उम्मीद व्यक्त की जा रही है।
इसके अलावा रिजर्व बैंक सरकार के साथ विचार-विमर्श करके स्टार्ट-अप कंपनियों को हर साल 30 लाख डॉलर तक विदेशी वाणिज्यिक ऋण जुटाने की छूट देगा। नोटों, सिक्को के लाने-ले जाने के दौरान सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित होगी।