इंदौर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य शासन ने महिलाओं को एक बड़ी सौगात दी है। महिलाओं को अब लोक परिवहन वाहनों में नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के लिए शर्मिंदगी का सामना नहीं करना होगा।
राज्य शासन ने नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के लिए माताओं के लिए बसों में ड्राइवर के पीछे वाली प्रथम सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया है। यह सीट तीर ओर से परदे से ढकी हुई भी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में राज्य शासन के परिवहन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।
राज्य शासन के परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, संभागीय उप परिवहन आयुक्त, जिला परिवहन अधिकारी आदि को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि इस निर्णय का परिपालन सुनिश्चित कराएं।
आदेश में कहा गया है कि स्टेज केरेज बसों में नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए माताओं के लिए ड्रायवर की पीछे वाली प्रथम सीट आरक्षित रखें। इस सीट को तीन ओर से परदे से भी ढंका जाए। इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराया जाए। यह निर्णय इंदौर संभाग के महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक राजेश मेहरा की पहल पर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मेहरा ने शहडोल जिले में पदस्थ रहकर बसों में महिलाओं के लिए इस तरह की व्यवस्था की थी। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले में यह व्यवस्था अभी भी लागू है।
नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत तुल्य है। इसे सर्वोत्तम आहार माना गया है। बच्चों को जन्म से लेकर छह माह तक मां का दूध पिलाया जाना बच्चों की सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होता है।