जोधपुर/जयपुर। पांच दिन से हड़ताल पर गए जोधपुर मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट्स ने पुलिस की कार्रवाई से सहमत होकर शनिवार दोपहर बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी।
इस घोषणा के साथ जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा और बीकानेर के 2500 से अधिक रेजीडेंट्स शाम को काम पर लौट आए, जिसके बाद प्रदेश में चरमराई चिकित्सा व्यवस्थाएं पुन: पटरी पर लौट आई।
आरोपी डीएसपी मुकेश चावड़ा के निलम्बन तक ये हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन डीएसपी को जेल भेजने के बाद रेजीडेंट्स ने हड़ताल खत्म कर दी।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर में गत 24 जनवरी को महात्मा गांधी अस्पताल में तड़के तीन रेजिडेंट्स से मारपीट की गई थी। इनमें रेजिडेंट डॉ. रजत गुप्ता का जबड़ा टूट गया था।
मामले में डॉ. महेन्द्र रतनानी, डीएसपी मुकेश चावड़ा, अमित चावड़ा व रजनीश सहित 10-15 जनों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया गया था। इसके तुरंत बाद डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे।
आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा और जयपुर के रेजिडेंट्स भी हड़ताल पर चले गए थे। पुलिस उपाधीक्षक की गिरफ्तारी नहीं होने से डॉक्टर्स क्रमिक अनशन पर उतर आए थे।
इसके बाद मेडिकल कॉलेज से करीब 250 रेजीडेंट्स ने रैली निकाली। पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन देने पहुंचे चिकित्सक जब उनसे नहीं मिल पाए तो उन्होंने यातायात बाधित किया और हंगामा खड़ा कर दिया।
मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और हड़ताल वापिस नहीं लेने का फैसला किया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने डॉक्टर्स को विस्तार से कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। वे सभी धाराएं बताईं, जिनके तहत केस दर्ज किया।
आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश उधर, रेजीडेंट चिकित्सकों से मारपीट करने के आरोपी पुलिस उपाधीक्षक मुकेश चावड़ा और उसके भाई रजनीश चावड़ा को न्यायिाक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए हैं। सरदारपुरा थाना पुलिस ने दोनों को दोपहर में कोर्ट के समक्ष पेश किया था।