वाशिंगटन। अमरीका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में अमरीकी सीनेटरों ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। अमरीका में हाउस ऑफ रिप्रेंटेटिव्स भारत के निचले सदन लोक सभा के समान है।
अमरीका के शीर्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने सीनेट की विदेश मामलों की समिति से कहा कि पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की बिक्री चर्चा कराए बिना नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे भारत-अमरीका संबंधों में जटिलता आ सकती है।
उन्होंने कहा कि अमरीका एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के प्रयासों के तहत भारत के साथ अपने रक्षा संबंध सुधारना चाह रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को एफ-16 लडाकू विमानों की बिक्री की घोषणा का यह समय भी ठीक नहीं है ।
अमरीकी कांग्रेस के सदस्य दाना रोहराबाचर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार अकसर अमरीकी सहायता का गलत इस्तेमाल कर हथियारों को अपने ही नागरिकों खासतौर पर बलूचिस्तान की जनता की आवाज को दबाने के लिए करती है।
उल्लेखनीय है कि ओबामा प्रशासन ने 13 फरवरी को पाकिस्तान को आठ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम एफ-16 विमानों को 70 करोड़ डॉलर में बेचने का फैसला लिया था। जिसका रिपब्लिकन और डेमोक्रेट पार्टी नेताओं ने कड़ा विरोध किया था।
इस समझौते के बाद भारत ने अमरीकी राजदूत रिजर्ड वर्मा को बुलाकर अपनी आपत्ति जताई थी। भारत को लगता है कि यह सौदा भारत के खिलाफ जारी गतिविधियों में मददगार साबित होगा।
ओबामा प्रशासन ने भारत को अमरीका और पाक के बीच हुए एफ-16 विमान सौदों को लेकर चिंतित नहीं होने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि इस समझौते को अंतिम प्रारुप देने से पहले क्षेत्र की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है।
वहीं पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कूक ने कहा था कि भारत के लिए यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान को विमान बेचने से पाकिस्तान की आंतक के खिलाफ जारी जंग को मजबूती मिलेगी और यह अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है।