नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने ई रिक्शा परिचालन की अधिसूचना पर खुला विचार विमर्श करने की घोषणा करते हुए बुधवार को कहा कि नए नियमों से गरीब चालकों की समस्याएं बढ़ जाएंगीं। उन्होंने यहां ई रिक्शा चालकों की एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ई मालिकों की रैली को ध्यान में रखते हुए सरकार हड़बड़ी में अधिसूचना लाई है जिससे ई रिक्शा मालिकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता।…
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार ने शहर में ई रिक्शा परिचालन के नियमों को अधिसूचित कर दिया है लेकिन इसमें ई रिक्शा चालकों की चिंताओं को ध्यान में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार ने ई रिक्शा के परिचालन की अधिसूचना जारी कर दी है लेकिन इसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत रखा गया है। पहले सरकार ने कहा था कि 600 वाटस् तक की क्षमता वाले ई रिक्शा को मोटर वाहन अधिनियम से बाहर रखा जाएगा। अधिसूचना से गरीब ई रिक्शा चालकों को गुमराह करने का आरोपलगाते हुए आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि नियमों में गड़बडियां है जिन्हें जल्दी से जल्दी दूर करने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि वे कहते है कि ई रिक्शा के पंजीकरण की कुल लागत लगभग पांच लाख रूपए प्रति रिक्शा होगी जो बेहद ज्यादा है और अन्यायपूर्ण है। इसे पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए और विसंगतियां समाप्त की जानी चाहिए। अधिसूचना से उत्पन्न समास्याओं से निपटने के बारे में ई रिक्शा चालकों के साथ खुला विचार विमर्श करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे चालकों की समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ गई हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता के अनुसार अधिसूचना में ई रिक्शा के पंजीक रण के लिए आठ-नौ वस्तुओं की जरूरत होगी। इससे पहले यह जिम्मेदारी निर्माता कंपनी की थी। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में यह जिम्मेदारी चालाकों के संगठनों को निभानी है। हालांकि ई रिक्शा चालकों का कोई पंजीकृत संगठन नहीं है। केजरीवाल ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ई रिक्शा के संबंध में अधिसूचना जारी करने के मामले में लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 17 जून को रामलीला मैदान में ई रिक्शा मालिकों की सभा में गडकरी ने बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी उनको पूरा नहीं किया जा सका है।