Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
सावधान! अच्छी नींद की कमी से पार्किंसंस का खतरा - Sabguru News
Home Breaking सावधान! अच्छी नींद की कमी से पार्किंसंस का खतरा

सावधान! अच्छी नींद की कमी से पार्किंसंस का खतरा

0
सावधान! अच्छी नींद की कमी से पार्किंसंस का खतरा
Restless Sleep May Increase risk of Parkinson disease in men
Restless Sleep May Increase risk of Parkinson disease in men
Restless Sleep May Increase risk of Parkinson disease in men

लंदन। क्या आपको अच्छी नींद की कमी खलती है और रात में सोते वक्त लात मारने की आदत है? अगर ऐसा है तो सावधान हो जाइए, एक अध्ययन के मुताबिक विशेषकर पुरुषों में यह संकेत पार्किंसंस रोग से जुड़े एक विकार का संकेत हो सकता है।

आंखों को जल्दी-जल्दी मीचने की आदत अक्सर 50 से 70 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित करता है और महिलाओं की तुलना में ऐसा पुरुषों में अधिक पाया जाता है। यह नींद आने में दिक्कत के कारण होती है।

जबकि स्वस्थ लोग चैन को नींद सोते हैं तो वहीं आरबीडी से पीड़ित लोग अपने सपनों में जीवित रहते हैं और नींद के दौरान हाथ-पैर चलाते रहते हैं और चिल्लाते हैं।

न्यूरोलॉजी की पत्रिका ‘द लांसेट’ में प्रकाशित शोध रिपोर्ट से पता चला है कि आरबीडी वाले पुरुषों में डोपामाइन की कमी होती है। डोपामाइन मस्तिष्क में एक रसायन है, जो भावनाओं, गतिविधियों, खुशी और दर्द की उत्तेजनाओं को प्रभावित करता है। साथ ही यह मस्तिष्क के उत्तेजन का एक रूप है।

नतीजतन, उम्र बढ़ने के साथ-साथ पार्किंसंस रोग या मनोभ्रंश के विकसित होने का जोखिम बढ़ता चला जाता है। मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं का समूह जो डोपमाइन को बनाता है, काम करना बंद कर देता है, जिस कारण पार्किंसंस रोग होता है।

शोधकर्ताओं को पहले पता नहीं था कि उत्तेजना रोगियों में मस्तिष्क में विकार का एक रूप है जो मरीजों में पार्किंसंस रोग के विकास के जोखिम को बढ़ाता है।

इस अध्ययन में स्पेन और डेनमार्क के तीसरे निद्रा केंद्रों में आरबीडी के रोगियों और पार्किंसंस व संज्ञानात्मक हानि के कोई क्लीनिकल प्रमाण नहीं मिले हैं। मस्तिष्क में परिवर्तन का विश्लेषण पोजीट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) का उपयोग किया गया था।