जयपुर। रिसर्जेंट राजस्थान के बहाने जेडीए और हाउसिंग बोर्ड प्रशासन घटिया निर्माण और आवासीय योजनाओं में धांधलेबाजी करने के मामले दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने से बच रहा है।
इन दोनों ही मामलों में आमजनता को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन के अधिकारी इसे दबाने में जुटे हैं।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की नागौर स्थित आवासीय योजना में मुख्यमंत्री को निरीक्षण में घटिया निर्माण पाए जाने के बाद बोर्ड प्रशासन इंजीनियरों को निलंबित तो कर दिया, लेकिन उसकी जांच के लिए आज तक कोई अधिकारी या टीम नहीं बनाई जबकि वास्तविकता में जांच हो तो इस मामले में कई अधिकारी दोषी पाए जा सकते हैं।
जानकारों के अनुसार ऐसे में कुछ इंजीनीयरों को निलंबित कर बोर्ड प्रशासन शांत बैठकर मामले को दबाने में जुट गया है। इतना ही नहीं बोर्ड की आवासीय योजनाओं में घटिया निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराने के लिए निर्देश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन फिलहाल इस पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ है।
गलत आवेदन के बाद भी कार्यवाही नहीं
इधर जेडीए में जोन 12 के एक क्लर्क और कुछ ईमित्र संचालकों के मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी से जेडीए की ईडब्ल्यूएस व एलआईजी की आवासीय योजना में सैंकड़ों आवेदन किए।
इस कारण योजना में धांधलेबाजी होती देख जेडीए प्रशासन ने प्राप्त आवेदनों की लॉटरी को ही निरस्त कर दिया। इससे जिन हजारों लोगों ने आवेदन किया, उन्हे नुकसान हुआ।
जेडीए की जांच कमेटी ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी सिफारिश की। जेडीए के अधिकारी कार्यवाही करने के बजाय मामले को दबा दिया और नये सिरे आवेदन मांग लिए।