मुंबई। पुलिस द्वारा एमआईडीसी क्षेत्र में सेना का सेवानिवृत्त सुबेदार नकली पुलिस बन देहव्यापार का अड्डा चलाने का फांडा फोड़ किया है।
पुलिस ने गिरोह के चंगुल में फंसी दिल्ली की युवती को मुक्त कराया गया और महिला समेत तीन आरोपियों को गिराफ्तार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार गिरोह की सच्चाई से पुलिस भी दंग रह गई। दरअसल जब भी कोई बडा व्यापारी सारिका के अड्डे पर मौज-मस्ती करने आता, उस समय चंद्रप्रकाश, अमोल व गिरोह के अन्य सदस्य जो कि फर्जी पुलिस हैं, असली पुलिस के रुप में छापा मारते थे।
उन्होंने पुलिस विभाग के फर्जी पहचान पत्र, सिल व अन्य दस्तावेज भी बना रखे थे। फर्जी पुलिस के फर्जी छापे में असली जैसा तामझाम होने से ग्राहक बदनामी के डर से कांप जाता था। उसके बाद कार्रवाई न करने के बदले में युवती की मदद से ग्राहक से लाखों रुपए की सौदेबाजी होती थी।
डेढ़ वर्ष के भीतर गिरोह ने जगह बदल-बदल कर अपने ही ठिकानों पर कई छापे मारे और ग्राहकों से मोटी रकम वसूल की। करीब 40 से 50 लोग गिरोह का शिकार हुए हैं।
बताया जा रहा है कि करीब आठ माह से पुलिस गिरोह के पीछे थी, लेकिन हर बार ठिकाना बदलने से वे बचते रहे। आरोपी सारिका के अड्डे पर पुलिस पहले भी छापा मार चुकी है। फिर भी गिरोह को घेरना पुलिस के लिए आसान नहीं था।
गिरोह को घेरने विभाग के दस्ते ने शिवप्रिया टॉवर में ही फ्लॅट किराए पर लिया। उसके बाद सारिका के अड्डे की हर गतिविधि पर नजर रखी गई। कार्रवाई के पूर्व भी गिरोह के सदस्यों ने हमेशा की तरह छापा मारा, तभी असली पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।