जयपुर। प्रदेश की सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पद भरने के लिए अब रिटायर्ड प्राध्यापकों की मदद ली जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में इस परेशानी को दूर करने के लिए यह निर्णय किया है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने पिछले सप्ताह ही प्रदेश की तमाम सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एक पत्र भेज कर पिछले पांच साल के दौरान रिटायर्ड हुए लेक्चरारों के बारे में पूर्ण जानकारी मांगी है।
यह भी जाना जा रहा है कि किस लेक्चरार का व्यवहार और शिक्षण तरीका बेहतर रहा। इस सूचना के आधार पर निदेशालय सीधे रिटायर्ट लेक्चरारों से संपर्क कर उनसे काम करने का आग्रह करेगा।
निदेशालय ने कॉलेजों के प्रधानों को भी कहा है कि वे अपने स्तर पर भी रिटायर्ट लेक्चरारों से संपर्क कर उनकी पुन: सेवाएं लेने के प्रयास करें। इसके लिए उनसे आवेदन पत्र भरवाया जाएगा। कॉलेजों से कहा गया है कि जितनी जल्दी हो इस काम को पूर्ण किया जाए।
निदेशालय ने कहा है कि यदि कोई लेक्चरार अपनी सेवाएं देने में आनाकानी करे तो संबंधित कारणों की जानकारी जुटाई जाए।
जानकारों का कहना है कि प्रदेश में लगातार नए कॉलेज खोले जाने के कारण शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ी है। बड़ी संख्या में तो ऐसे कॉलेज भी हैं जहां पढ़ाई व्यवस्था तो दूर बल्कि जरूरी आधारभूत सुविधाएं भी नहीं हैं।
कॉलेजों के पास अपने भवन नहीं हैं। बड़ी संख्या में लेक्चररों के पद खाली पड़े हुए हैं। उच्च शिक्षा विभाग के पास लगातार इस बारे में कॉलेजों से शिकायतें आ रही हैं। जनप्रतिनिधियों की तरफ से भी शिकायतें की जा रही हैं।