रायपुर। देश में असहिष्णुता को अवार्ड वापसी के दौर के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने कहा कि किसी भी मुद्दे को लेकर व्यक्तिगत होने की जरुरत नहीं, बल्कि इसका समाधान निकालने की जरुरत है।
यूनिसेफ के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद करीना ने कहा कि सम्मान लौटाना किसी समस्या का समाधान नहीं है। किसी भी मामले को व्यक्तिगत रुप से लेने के बजाय उसका समाधान कैसा हो इसपर विचार करना चाहिए. यह व्यक्तिगत नहीं बल्कि राष्ट्र का विषय है।
देश में असहिष्णुता के मुद्दे को लेकर कुछ फिल्मी हस्तियों द्वारा सम्मान लौटाने का हवाला देते हुए किए गए सवाल पर करीना ने कहा कि मैंने अभी तक कोई सम्मान वापस नहीं किया है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र के मामले में युवाओं की विभिन्न प्रतिक्रियाएं उन्हें प्रेरणा देती हैं। करीना यूनिसेफ इंडिया की सेलिब्रिटी एडवोकेट हैं और वह बाल अधिकार सम्मेलन सप्ताह के समापन समारोह में शामिल होने रायपुर आई थीं। कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ और छत्तीसगढ शासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
करीना ने कार्यक्रम में राज्य के अंदरुनी क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा और बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राज्य सरकार और यूनिसेफ की तारीफ की. उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और बेटियां भारत का गौरव हैं. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना एक चुनौती है. यह खुशी की बात है कि इस क्षेत्र में छत्तीसगढ में काफी अच्छा काम किया जा रहा है.
अभिनेत्री करीना कपूर ने बेटियों का आह्वान किया कि वे जीवन में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आगे बढने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालयों की व्यवस्था और पीने का साफ पानी मुहैया कराना भी बच्चों की शिक्षा के लिए जरुरी है। इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने समारोह में राज्य के 36 विभिन्न स्कूलों की 31 प्रतिभावान बालिकाओं और पांच शिक्षिकाओं को छत्तीसगढ रत्न अलंकरण से सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेटियों का सम्मान बढाने के लिए वचनबद्घ है और इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ समाज की भी है मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ के लिए गौरव की बात है कि केरल के बाद छत्तीसगढ में लिंगानुपात सबसे संतुलित है।