मुंबई। शिर्डी साईं बाबा संस्थान ने पिछले 100 सालों से मंदिर परिसर के साथ अन्य जगहों पर अवैध तरीके से हस्तांतरण कर नियमों का उल्लंघन किया है, जिसे लेकर राजस्व विभाग, संस्थान के कब्जे वाली जगह को नियमों के तहत करके उससे चार करोड़ रुपए वसूलने वाला है। इस बारे में राहता तहसीलदार ने संस्थान को नोटिस जारी किया है।
साईं समाधि शताब्दी वर्ष निमित्त आयोजित समारोह के दौरान राजस्व विभाग द्वारा की जा रही इस कार्रवाई से सभी आश्चर्यचकित हैंं। अंग्रेजों के समय कुछ भक्तों ने मंदिर परिसर में कुछेक सरकारी जगह किराए पर ली थी। इसमें से कुछ जगहों पर इमारतों का निर्माण किया गया।
कुछ सालों के बाद इन व्यक्तियों ने सरकार की अनुमति लिए बगैर यह जगह संस्थान को दान में दे दिया या बेच दिया। शिर्डी के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद आहेर पिछले कुछ सालों से ‘शिर्डी गैजेटीअर अनटोल्ड स्टोरीज’ नाम से किताब लिख रहे हैं। इस किताब के लिए जानकारी इकठ्ठा करते समय यह बात सामने आई है।
इसके बाद तहसीलदार माणिक आहेर के मार्गदर्शन में नायब तहसीलदार राहुल कोताड़े व अभिलेख कक्ष के कर्मचारियों ने पिछले तीन दिनों से 1900 से अंग्रेजकालीन दस्तावेजों की जांच की। इसके बाद संस्थान के कब्जे में होने वाली विशेषत: जमीन, मंदिर व परिसर के सर्वे क्रमांक एक की कई जगह का हस्तांतरण अवैध तरीके से हुआ है।
साथ ही पाया गया कि नियमों का उल्लंघन किया गया है। साईं मंदिर परिसर के दीक्षितवाडा, म्युजियम व लेंडीबाग की 27 गुंठा भूमि सरकारी है। इस मामले में राहता के तहसीलदार माणिक आहेर ने शिर्डी साईं संस्थान को 4 करोड़ रुपए अदा करने के लिए नोटिस जारी किया है।
इसमें उपरोक्त जगहों को नियमों के तहत करने के लिए मूल्यांकन राशि के 75 प्रतिशत राशि (3 करोड़ 90 लाख 63 हजार रुपये) कार्यालय में जमा करने की बात कही गई है। इसके लिए 7 दिनों के अंदर संस्थान को जवाब देना है।
ऐसा न होने पर राजस्व विभाग संस्थान के खिलाफ कार्रवाई करेगा। अब संस्थान प्रशासन क्या निर्णय लेता है, इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।