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Madhya Pradesh : Rewa villages surrounded by flood water, disrupting normal life
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मध्यप्रदेश : बाढ़ में घिरे रीवा जिले के कई गांव, जनजीवन अस्तव्यस्त

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मध्यप्रदेश : बाढ़ में घिरे रीवा जिले के कई गांव, जनजीवन अस्तव्यस्त
Madhya Pradesh : Rewa villages surrounded by flood water, disrupting normal life
Madhya Pradesh : Rewa villages surrounded by flood water, disrupting normal life
Madhya Pradesh : Rewa villages surrounded by flood water, disrupting normal life

रीवा। मध्यप्रदेश के कई जिलों में हाहाकार मचा देने वाली बारिश से रीवा भी अब अछूता नहीं रहा है। महाबारिश ने पहले जहां प्रदेश के कई जिलों को तर-बतर करते हुए आगे बढक़र रीवा पहुंच गई है वहीँ पिछले 4 दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले भर में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है।

शहर में जहां आजादी के 70 सालों के बाद बहाई जा रही विकास की गंगा ने लोगों के घरों में पहुंचकर चरण पखारा है वहीँ दिलीप बिल्डिकान के ऊपर सत्तासीन सरकार के वरदहस्त द्वारा बनाई गई जिले की कई पुलिया, सडक़े आदि महाबारिश के प्रलय में बह गई है।

जिले के सैकडों गांवों में बाढ़ के हालत बने हुए है एवं कई जगहों पर बनते जा रहे है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है। लोगों को अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों का सहारा लेना पड़ रहा है।

कई स्थानों पर रेस्क्यू आपरेशन तक की नौबत आने की संभावना दिखती जा रही है। यदि बारिश का दौर नहीं रूका तो प्रलय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

गौरतलब है कि रीवा शहर के आधी से अधिक बस्तिया पानी के कहर में समा चुकी है। शहर से गुजरने वाली बिछया नदी अपने पूरे सबाब पर है तथा लगातार बढ़ती जा रही है तो शहर के सभी 45 वार्डो में आधे से अधिक घरों में बारिश और बाढ़ का पानी घुस गया है।

शहर के अमहिया, नेहरू नगर, निपनिया, घोघर, बिछया आदि के हालत अत्यंत चिंतनीय है। हालांकि बीच-बीच में बारिश का पानी रूक जाता है जिससे कुछ स्थित सामान्य होती है लेकिन पुन: बारिश होने से लगातार बाढ़ का खतरा शहर में मंडरा रहा है। शहर के हालत काफी खराब बने हुए है।

विंध्य में चल रही पिछले कई दिनों से भीषण बारिश के कारण बाढ़ के हालात हो गए है। बारिश के कहर से रीवा शहर के लगभग आधा दर्जन से अधिक मोहल्ले जलमग्न हो गए है जिसमे हजारों लोग प्रभावित हुए है।

वहीं सिरमौर नगर के डूब जाने और डभौरा मार्ग बंद होने से 1 लाख लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे है। भीषण बारिश के कारण रीवा संभाग के मुख्य मार्ग बंद हो गए है। बाढ़ के कारण रीवा, सतना जिले के गावों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

जुलाई की शुरूआत में आई बाढ़ की विभीषिका के बाद भी जिला प्रशासन सतर्क नहीं हुआ। रहवासी आस-पड़ोस में ठिकाना बना रहे है लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक राहत शिविर नहीं बनाए गए है।

बारिश से प्रभावित लोगों की मानें तो 15 अगस्त की रात से ही पानी घरों में घुस गया है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति नेहरू नगर, अंनतपुर, शिवनगर, उर्हट, बजरंग नगर, निपनिया, बिछिया, रानी तालाब, पोखरी टोला, बाणसागर इलाके में है।

स्कूलों में अवकाश घोषित

भारी वर्षा के मद्देनजर कलेक्टर राहुल जैन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के सभी स्कूलों में 16 अगस्त को अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर ने संबंधित स्कूलों के शिक्षकों को निर्देशित किया है कि यदि कहीं भी स्कूल लग गए हों तो वह वहां के विद्यार्थियों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

रीवा-डभौरा संपर्क मार्ग टूटा

रीवा-डभौरा मार्ग पर सिरमौर यूनियन बैंक के पास की पुलिया टूट गई है। पुलिया में समंदर रूपी बाढ़ देखने को मिल रही है। सडक़ मार्ग सम्पर्क टूटने के बाद भी लोग जबरन जा रहे है। प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई बेरीकेड्स नहीं लगाए गए है।

नदियों के चारों ओर से घिरा सिरमौर नगर पंचायत क्षेत्र बाढ़ के कारण पूरी तरह डूब गया है। लोग ग्रामीण क्षेत्र की ऊंची बस्तियों की ओर जाकर ठिकाना तलाशने की जद्दोजह में लगे हुए हैं। वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की सुविधाएं मुहैया न कराने से ग्रामीणों की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।

तीन दिन में चल रही भीषण बारिश के कारण जिले में 236 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है। बाढ़ के कारण सतना जिला की ओर से आ रहे पानी को बकिया बराज से छोड़ा जा रहा है। सभी गेट खोल दिए गए है। जिससे जिले के तराई आंचल में बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक घुसने के समाचार मिल रहे है।

ओपीडी में भरा पानी

जानकारी के अनुसार संजय गांधी अस्पताल के ओपीडी में पानी पूरी तरह से घुस गया है। जिससे मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार कई लोगों के घरों में पानी घुसा होने के कारण वह उसे मोटर पंप लगाकर फेकने की कोशिश में है हालांकि कई मोहल्लों में पानी की बाढ़ को देखते हुए बिजली सप्लाई रोक दी गई है।

लोगों की लगी भीड़

शहर से गुजरने वाली बिछिया, एवं बीहर नदी का रौद्र रूप देखने के लिए लोग लगातार नदी के किनारों में जा रहे है जिससे किसी अनहोनी की आशंका बनी हुई है। खबरों के अनुसार जिले के क्योंटी, पुरबा, बहुती प्रपात में भी लोग बिना प्रशासन की अनुमति से सेल्फी लेने के लिए पहुंचे हुए है। जिससे कसी अनहोनी की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

समूचे शहर सहित जिले के कस्बाई इलाकों एवं गांवों में नदियों का पानी घुस गया है जिससे हाहाकार की स्थिति निर्मित हो गई है। जिले के सिरमौर कस्बा पूरी तरह से जलमग्र दिखाई दे रहा है तो कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने के समाचार मिले रहे है। वही बीहर एवं बिछिया के किनारे बसे गांवों में भी बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। बताया गया है कि निपनिया पुल पिछले चार दिनों से डूबी हुई है।

मिलीभगत की खुली पोल

रीवा लालगांव मार्ग में क्योटी की महाना नदी में बनी सडक़ कई जगह से पूरी तरह टूटी पुलिया बही। इससे रीवा जिले का संपर्क कई स्थानों से टूट गया है। प्रशासन चाहकर भी उन लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कई ऐसे अनजाने गांव भी है जहां बाढ़ का पानी घुसा है तथा किसी को जानकारी नहीं है।

कई गांव नदी के मुहानों में बसे है जिससे रात में ही घरों का पानी घुस गया था तथा किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने से वह बेहारा हो गए हैं। कई स्थानों में पुल-पुलिया एवं सडक़ बह जाने के कारण आवागवन अरूद्ध हो गया है। जिससे हाहाकार मचा हुआ है।

नहीं मान रहे लोग, सेल्फी का जोखिम

रीवा जिले में तीन प्रपातों में लोगों की भीड़ अनवरत जारी है। वहां पर लोग रिस्क लेकर सेल्फी लेने में जुटे हुए है। अभी हाल में भी कई लोगों ने अचानक आई बाढ़ के पानी से घिरकर अपनी जान गवां दी थी। हालांकि कलेक्टर ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि कोई भी इन प्रतातों के मुहानें पर नहीं जाए लेकिन लोग है कि मानने को तैयार नहीं है। लगातार सेल्फी लेने के लिए वह उफनाती नदी के किनारों में जा कार सेल्फी ले रहे है जिससे अनहोनी हो सकती है।

उद्योग मंत्री ने लिए जायजा

शहर के सभी 45 वार्डो में भारी वर्षो और बाढ़ का जायजा लेने के लिए उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला स्वयं नेहरू नगर में मंत्री एवं पार्षद के बीच बातचीत का दौर भी हुआ। बैकुण्ठपुर से मनगवां मार्ग महाना नदी से बंद हो गया है यहां पर तकरीबन 15 फुट पानी चढ़ा हुआ है। इसी प्रकार जिले के खैरा, पिपराहा, फूल आदि गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है जिससे हालात खराब हो रही है।