नई दिल्ली। ब्रिस्टल में 18 साल पहले भावुक सचिन तेंदुलकर ने कीनिया के खिलाफ विश्व कप के वनडे मैच में शतक जड़ा था और इससे कुछ दिन पहले उनके पिता का निधन हुआ था लेकिन उन्हें उनकी मां ने शोक नहीं करने दिया था। सभी को यह बात याद है।
इसी तरह की घटना 2007 में दिल्ली में रणजी ट्राफी मैच में हुई थी। विराट कोहली के पिता प्रेम का निधन कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच के दौरान हुआ था। दिल्ली की टीम मुश्किल में थी और उन्होंने 97 रन बनाकर टीम को बचाया और फिर शाम में अपने पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था।
इसी तरह की घटना कल रात बेंगलुरू में हुई। सभी ने इसे देखा। कोई नहीं जानता कि रिषभ पंत का करियर एक दशक बाद कैसा होगा लेकिन जहां तक मजबूत जज्बा दिखाने की बात है तो उन्होंने दिखा दिया कि वह इसमें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बराबर हैं।
युवा खिलाड़ी के लिये अपने पिता का अंतिम संस्कार करके टी20 मैच के लिए टीम से जुडऩा आसान नहीं था। रिषभ को बातचीत करना, हंसना, मजाक करना पसंद है।
लेकिन बीती रात इस लड़के के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और वह दिल्ली डेयरडेविल्स के लिये रायल चैलेंजर बेंगलूर के खिलाफ आईपीएल मैच के लिए क्रीज पर था।
उसने 57 रन बनाए लेकिन वह टीम को हार से नहीं बचा सका। इस युवा खिलाड़ी के लिए जिंदगी 48 घंटे में बदल गई।
ब्रिस्टल में जब तेंदुलकर सुबह बल्लेबाजी के लिये उतरे थे तो दूसरे छोर पर उनके साथ राहुल द्रविड़ थे। और वह रिषभ के कोच के तौर पर कल डगआउट में बैठे थे।
तो क्या उन्होंने रिषभ को बताया होगा कि तेंदुलकर ने उस दिन इस दुख का सामना कैसे किया था? कोई नहीं जानता। रिषभ ने अपने 50 रन का भी जश्न नहीं मनाया और फिर वह पवन नेगी की गेंद पर बोल्ड हो गए।