न्यूयॉर्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित मंगलयान को टाइम पत्रिका ने वर्ष 2014 के 25 सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया है।
पत्रिका ने कहा कि पहले प्रयास में कोई भी मंगल तक नहीं पहुंच पाया। न अमेरिका, न रूस और न ही यूरोप। लेकिन 24 सितंबर को भारत ने यह कारनामा कर दिखाया।
उसने कहा कि भारत का मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा में दाखिल हो गया। यह कारनामा कोई अन्य एशियाई राष्ट्र अभी तक नहीं कर पाया है।क हा गया कि इस यान की लागत 7.4 करोड़ डॉलर है, जो हॉलीवुड फिल्म “ग्रेविटी” की लागत जितनी है।
इतनी कम लागत में मंगलयान पर पांच उपकरण लगे हैं, जो उसे मंगल ग्रह पर मेथेन तथा सतह की संरचना की जानकारी देंगे।
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह उसे अंतरग्रहीय अभियानों में पांव पसारने का मौका प्रदान करेगा, जो उस देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बहुत बड़ी बात है।