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हिंदू राष्ट्रवाद भारत को युद्ध की तरफ ले जा सकता है : चीनी दैनिक - Sabguru News
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हिंदू राष्ट्रवाद भारत को युद्ध की तरफ ले जा सकता है : चीनी दैनिक

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हिंदू राष्ट्रवाद भारत को युद्ध की तरफ ले जा सकता है : चीनी दैनिक
rising Hindu nationalism can lead to war : Chinese daily
rising Hindu nationalism can lead to war : Chinese daily
rising Hindu nationalism can lead to war : Chinese daily

बीजिंग। चीन के एक दैनिक अखबार ने गुरुवार को चेताया कि चीन-भारत सीमा पर विवाद भारत में उभर रहे ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ का एक अंकुर है, जिसने भारत की चीन नीति का अपहरण कर लिया है और इससे दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है।

चीनी दैनिक अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक टिप्पणी के अनुसार राष्ट्रवादी उत्साह में सीमा युद्ध के बाद से ही चीन के खिलाफ बदला लेने की मांग भारत के भीतर उठ रही है। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को चुने जाने से देश में राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा मिला है।

अपने लेख में यू निंग कहा कि कूटनीतिक तौर पर भारत में विदेशी संबंधों में खास तौर से चीन व पाकिस्तान जैसे देशों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। इस बार सीमा विवाद में चीन पर कार्रवाई करने का लक्ष्य है, जो कि भारत के धार्मिक राष्ट्रवादियों की मांग पूरा करता है।

चीन और भारत की सेनाओं के बीच चीन-भारत सीमा पर करीब महीनेभर से ज्यादा समय से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में गतिरोध कायम है। यह भारत, भूटान और चीन के बीच तिराहा है।

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लेख में कहा गया कि यदि धार्मिक राष्ट्रवाद चरम की तरफ जाता है तो मोदी सरकार कुछ नहीं कर सकती, यह 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को रोकने में सरकार की विफलता से पता चलता है।

लेख में कहा गया है कि राष्ट्रीय शक्ति के मामले में भारत चीन से कमजोर है, लेकिन इसके रणनीतिकार और राजनेता बढ़ते राष्ट्रवाद द्वारा भारत की चीन नीति का अपहरण रोकने में अपनी बुद्धिमत्ता नहीं दिखा रहे हैं।

इसमें कहा गया कि यह भारत के अपने हितों को खतरे में डाल देगा। भारत को सावधान रहना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद से दो देशों को युद्ध में नहीं धकेलना चाहिए।

लेख में कहा गया कि चूंकि भारत 1962 के चीन-भारत युद्ध में हार के बाद से कुछ भारतीय चीन से निपटने की मानसिकता में फंस गए।

इसमें कहा गया कि युद्ध से भारत को लंबे समय तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा और इस गांठ को खोलना कठिन हो गया। इसी वजह से चीनी रणनीति पर संदेह बढ़ा हुआ है।

इसमें कहा गया कि चीन के विकास को भारत दुर्भाग्य के तौर पर देखता है। चीन जिस तेजी से विकास कर रहा है, वे उतने ही भयभीत हैं।