वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोड शो कर बाबा विश्वनाथ और काल भैरव की पूजा अर्चना की। उनके रोड शो में उमड़ा जनसैलाब यह संदेश दे रहा था कि मोदी का क्रेज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर के मतदान को काफी हद तक प्रभावित करेगा।
उप्र विधानसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह काशी (वाराणसी) पहुंचे। बीएचयू गेट पर मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा का माल्यार्पण कर उन्होंने रोड शो शुरू किया। इस दौरान वह खुली जीप में वाराणसी की सडकों पर जनता का अभिवादन करते रहे।
मोदी के रोड शो में बीएचयू गेट से मैदागिन तक जगह-जगह लोग ढोल-नगाड़ों के साथ नाच-गाकर अपने सांसद का जोरदार स्वागत कर रहे थे। सबसे ज्यादा उत्साह लंका, रविदास गेट, अस्सी, गोदौलिया, चैक और मैदागिन पर देखने को मिला।
मदनपुरा में तो सड़क के दोनों तरफ कतारवद्ध खड़े मुस्लिम समाज के लोगों ने भी मोदी का जोरदार स्वागत किया। करीब साढ़े तीन घंटे के रोड शो में सड़कों के किनारे व छतों पर खड़े लोगों ने फूल बरसा कर मोदी का स्वागत किया।
इस दौरान मोदी ने काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई फिर काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर पहुंचकर वहां भी पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री एक चुनावी सभा संबोधित करने जौनपुर चले गए। हालांकि वाराणसी आज से तीन दिन तक मोदीमय रहेगा।
वह रविवार शाम फिर काशी पहुंच रहे हैं। एक जनसभा करने के बाद यही रात्रि प्रवास करेंगे। सोमवार को एक और चुनावी सभा कर वह पूरे अपने संसदीय क्षेत्र को मथ डालेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी का वाराणसी में इस तरह तीन दिन तक लगातार रहना चुनाव के अंतिम चरण की सभी 40 सीटों को प्रभावित करेगा।
गौरतलब है कि चुनाव के सातवें व अंतिम चरण में वाराणसी और मीरजापुर मण्डल के सात जिलों – जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, सोनभद्र और मिर्जापुर के 40 विधानसभा क्षेत्रों में आठ मार्च को मतदान होना है।
वर्ष 2012 के चुनाव में इन 40 सीटों में से 23 पर सपा, 5 पर बसपा, चार पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस और 5 पर अन्य दलों व निर्दलीयों का कब्जा था। वाराणसी जिले में विधानसभा की आठ सीटें हैं।
इनमें 2012 के चुनाव में पिंडरा सीट पर कांग्रेस का, अजगरा (सु) और शिवपुर सीट पर बसपा, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिणी व वाराणसी कैंट पर भाजपा का तथा सेवापुरी सीट पर सपा का कब्जा था।
रोहनिया सीट 2012 में अपना दल के पास थी, लेकिन उपचुनाव में यह सपा के पास चली गई। पिछले विधानसभा के चुनाव में भाजपा इस चरण के सभी जिलों में बहुत ही कमजोर थी। ज्यादातर सीटों पर सपा और बसपा ही लड़ाई में थी। लेकिन, इस बार की फिजा काफी बदली हुई है।
भाजपा करीब हर सीट पर प्रमुखता से लड़ रही है। इस दल के टक्कर में कहीं सपा से तो कहीं बसपा है और भाजपा की सबसे बड़ी ताकत नरेंद्र मोदी का चेहरा है। उन्होंने अब तक पूरे प्रदेश में डेढ़ दर्जन से अधिक चुनावी रैलियां की हैं। अंतिम चरण के सात जिलों में उन्होंने मीरजापुर और जौनपुर में भी जनसभाएं की।
इसके अलावा चुनाव प्रचार के अंतिम समय में वह वाराणसी को तीन दिन का समय दे रहे हैं।भाजपा ने भले ही चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है, मगर उसकी सबसे बड़ी ताकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुप में है। नोटबंदी के बाद विपक्षी भले ही उनपर हमलावर हुए हैं लेकिन आम जनमानस में प्रधानमंत्री की छवि उभरी है।
रोड शो के दौरान वाराणसी के युवा व्यापारी नाजिम अंसारी और पयर्टकों के लिए गाइड का काम करने वाल संतोष कुमार की माने तो मोदी का क्रेज अंतिम चरण के चुनावी समीकरण को बड़ी तेजी से बदल रहा है। टिकट बंटवारे को भी लेकर जो कुछ लोगों में नाराजगी थी, वह भी मोदी की सक्रियता के चलते अब दूर हो गई है।
दरअसल, वाराणसी नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। इसलिए अंतिम चरण के चुनाव में यहां से उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। उन्हें अपने ही संसदीय क्षेत्र में घेरने के लिए सपा, कांग्रेस और बसपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। सपा मुखिया व प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शनिवार को यहां रोड शो किए तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी वाराणसी में अपनी पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनावी जनसभा की।
हालांकि, भाजपा की तरफ से भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह काशी में डटे हुए हैं। उनके अलावा मोदी कैबिनेट के राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, संतोष गंगवार, कलराज मिश्र, वेंकैया नायडू, जेपी नड्डा, अनुप्रिया पटेल और महेेंद्र पांडे समेत कई मंत्री भी पिछले कई दिनों से वाराणसी और आस पास के जिलों में चुनावी प्रचार को धार दे रहे हैं।