जयपुर। भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन के आहवान पर बुधवार को रोडवेज कर्मचारियों ने रैली निकाल कर सिविल लाईन्स फाटक पर विरोध प्रदर्शन किया। रैली में रोडवेज की 63 इकाईयां के हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया।
सिविल लाईन्स फाटक पर सभा को सम्बोधित करते हुऐ भारतीय मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राज बिहारी शर्मा ने कहा कि रोडवेज के लिए तो रक्षक ही भक्षक बन गए है। जिस राज्य सरकार को रोडवेज के हित में नीति बनानी चाहिए वह सरकार निजी वाहन स्वामियों के हित की नीति बनाती है।
राजस्थान लोक परिवहन सेवा नाम से संचालित निजी बसों को रोडवेज बस अड्डों के भीतर से चलाने का राज्य सरकार ने निर्णय लियाहै। रोडवेज के बस अड्डों के बाहर तो पहले से ही निजी बसों का कब्जा है।
जोधपुर उच्च न्यायालय के निर्णय तथा जयपुर जिलाधीश द्वारा जारी अधिसूचना में रोडवेज बस अड्डों, सिन्धीकेम्प जयपुर के आसपास निजी वाहन संचालन प्रतिबन्धित है। सरकार इनकी पालना कराने के स्थान पर रोडवेज बस अड्डों से अब इन निजी बसों को अन्दर से चलाना चाहती है। इस निर्णय पर पुनःविचार होना चाहिए।
फैडरेशन के अध्यक्ष नाहर सिंह राजावत ने कहा कि राजस्थान लोक परिवहन सेवा का संचालन रोजवेज बस अड्डो के भीतर से चलाने का फैडरेशन कड़ा विरोध करेगा परन्तु इस मुद्दे पर फैडरेशन हड़ताल का समर्थ नहीं करेगा।
रैली प्रातः 11.30 बजे सिन्धीकेम्प से रवाना हुई। वनस्थली मार्ग, चौमू हाऊस चौराहा होते हुए रैली सिविल लाईन्स फाटक पर पहुंची। बाद में फैडरेशन का प्रतिनिधि मण्डल परिवहन राज्य मंत्री बाबूलाल वर्मा से मिला तथा रोडवेज विरोधी निर्णयों पर सरकार को पुनःविचार करने के लिए कहा।
अन्य संगठनों ने भी निकाली रैली
उधर एटक, इंटक और सीटू से जुड़े रोडवेज कर्मियों ने अलग से रैली निकाली और सिंधी कैम्प बस अड्डे से लोक परिवहन सेवा की बसों के परिचालन पर रोक की मांग की। इन संगठनों के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने फैसला नहीं बदला तो रोडवेज कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल कब होगी इसकी तिथि तो नहीं बताई गई लेकिन घोषणा की गई कि सरकार का फैसला नहीं बदले जाने तक रोडवेजकर्मी नियमित प्रदर्शन करेंगे।