चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव पीके गुप्ता ने डीएलएफ-वाड्रा विवादित लैंड डील फाइल में से दो महत्वपूर्ण पन्ने गायब होने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। गुप्ता ने उक्त फाइल में से सम्बंधित दस्तावेज गायब होने की बात स्वीकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस मामले की अवर सचिव स्तर के अधिकारी जांच करेंगे और हफ्तेभर में रिपोर्ट देंगे।
उन्हाेंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अक्तूबर 2012 में तत्कालीन भू अभिलेखा महानिदेशक अशोक खेमका ने डीएलएफ-वाड्रा लैड डील का इंतकाल रद्द कर दिया था।
उन्होंने हाल ही में सूचना का अधिकार के तहत याचिका दाखिल कर उक्त फ ाईल के पन्ना नम्बर एक और दो की प्रतियां मांगी थीं। जिस पर राज्य सूचना अधिकारी डी.आर. वधवा ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष हलफनामा दाखिल कर यह कहा था कि फाइल में से सम्बंधित पन्ने गायब हैं। ऎसे में इन्हें खेमका को मुहैया नहीं कराया जा सकता।
खेमका ने दावा किया है ये दो पन्ने वहीं हैं जिनमें राज्य की पिछली सरकार ने डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।
आईएएस अधिकारी कृष्ण मोहन, केके जलान और राजन गुप्ता इस समिति के सदस्य थे जिसने बाद में अपनी रिपोर्ट में इस लैंड डील में कोई भी अनियमितता नहीं होने की बात कहते हुए वाड्रा को क्लीन चिट दे दी थी।
समिति के इन सदस्यों में से कृष्ण मोहन सेवानिवृत्त हो चुके हैं। खेमका ने उक्त फाइल में से ये पन्ने गायब होने पर अति गंभीर मामला बताते हुए राज्य सरकार से इसकी जांच कराने तथा इस सम्बंध में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।