नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने शनिवार को कड़ा फैसला लेते हुए पुरुष टीम के मुख्य कोच रोएलेंट ओल्टमैंस को पदमुक्त कर दिया है। एचआई ने बीते 18 महीनों में टीम के प्रदर्शन में आई गिरावट को अपने इस फैसले के पीछे का कारण बताया है।
एचआई द्वारा जारी बयान के अनुसार, नई नियुक्ति होने तक हाई परफॉर्मेस डायरेक्टर डेविड जॉन टीम के अंतरिम कोच के तौर पर काम करेंगे।
एचआई ने यह फैसला अपनी हाई परफॉर्मेस एंड डेवलपमेंट समिति की तीन दिन तक चली बैठक के बाद लिया है जो शनिवार को खत्म हुई।
इस बैठक में 24 सदस्यों ने हिस्सा लिया था, जिसमें चयनसमिति के अध्यक्ष हरबिंदर सिंह, और उनके साथी बी.पी. गोविंदा, वी भास्करन, थोएबा सिंह, ए.बी. सुबैया और आर.पी. सिंह शामिल थे।
इनके अलावा टीम के मौजूदा खिलाड़ी जयदीप कौर, सरदार सिंह, पी.आर. श्रीजेश, मनप्रीत सिंह भी ओल्टमैंस के साथ मौजूद थे। इनके अलावा, जुगराज सिंह, अर्जुन हलप्पा, हैंस स्टीडर, स्कॉट कोनवे, डेविड जॉन, एलेना नॉर्मेन भी शामिल थे।
एचआई के बयान में कहा गया है कि इस बैठक का मकसद हाल ही में हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स और यूरोप दौरे पर राष्ट्रीय पुरुष टीम के प्रदर्शन का आकलन करना था। साथ ही आने वाले टूर्नामेंट में टीम के विजयी पथ पर लौटने के लिए जरूरी कदम उठाना था।
ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में भारत ने लंदन में खेली गई हॉकी वल्र्ड लीग सेमीफाइनल्स में छठा स्थान हासिल किया था। इससे पहले सुल्तान अजलान शाह कप में भारत को तीसरा स्थान मिला था।
रियो ओलम्पिक-2016 में टीम को आठवां स्थान मिला था हालांकि वह एशियन चैम्पियनशिप का खिताब जीतने में सफल रही थी।
बयान में कहा गया है कि रोएलेंट ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में टीम ने अपनी फिटनेस में काफी सुधार किया है जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। लेकिन परिणाम मायने रखते हैं और टीम के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं देखी गई है।
एचआई ने कहा कि जॉन और चयनसमिति सीनियर खिलाड़ियों के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी।बयान के मुताबिक यूरोप दौरे पर युवा टीम के संतोषजनक प्रदर्शन के बाद यह पता चला की यह समय टीम को दोबारा बनाने का समय है।
हरबिंदर ने कहा कि समिति ने एकमत से यह फैसला लिया कि हम पुरुष टीम के 2016-17 के प्रदर्शन से खुश नहीं है और एशिया कप में टीम का प्रदर्शन बेंच मार्क नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि हमें बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा जहां बीते वर्षो में हमारा अच्छा प्रदर्शन स्वाभविक नहीं बल्कि अकास्मक था। अच्छे परिणामों को हकीकत बनाने के लिए हमें कड़े फैसले लेने की जरूरत थी ताकि भारतीय हॉकी का भविष्य अच्छा हो सके।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कोचिंग एक निश्चित स्तर से आगे अच्छे परिणाम नहीं दे पा रही थी। इसलिए समिति ने एकमत से यह फैसला किया है कि तत्काल प्रभाव से इसमें बदलाव किया जाए। हालांकि बदलाव आसान नहीं होता है, लेकिन हमें आने वाले एशियाई खेलों 2018 और टोक्यो ओलम्पिक-2020 में अच्छा प्रदर्शन करना है तो ऐसे फैसले लेने होंगे।