चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा के रोहतक में एक युवती की सामूहिक दुष्कर्म के बाद बर्बर तरीके से हत्या के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सोमवार को कहा कि मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
खट्टर ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और दोषियों की सजा दी जाएगी।
खट्टर ने कहा कि गुरुग्राम में एक अन्य युवती के दुष्कर्म के मामले में भी दोषियों को सजा दी जाएगी। हरियाणा पुलिस ने रोहतक मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है।
दिल्ली में 2012 में हुए जघन्य निर्भया कांड की तरह की रोहतक मामले में दुष्कर्मियों ने पीड़िता के साथ न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी बेहद क्रूर तरीके से हत्या भी कर दी।
मामले पर स्वसंज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने रविवार को मामले पर निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई की मांग की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने रविवार को कहा कि हमने अधिकारियों को लिखकर मामले की निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई की मांग की है। मामले की जांच के लिए हमने एक टीम भी भेजी है।
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली 23 वर्षीया पीड़िता का उसके पड़ोसी सुमित ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया, सामूहिक दुष्कर्म किया और बर्बर तरीके से हत्या कर दी। पीड़िता नौ मई से लापता चल रही थी। पीड़िता का शव बीते शुक्रवार को रोहतक के बाहरी इलाके में मिला।
पुलिस के अनुसार दुष्कर्मियों ने पीड़िता के गुप्तांग में धारदार हथियार डाले और पीड़िता के पेट से अचेत करने वाला पदार्थ भी मिला। दुष्कर्मियों ने पीड़िता का सिर और चेहरा किसी भारी चीज से क्षतिग्रस्त कर दिया और वाहन के नीचे कुचल डाला।
सुमित सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। सुमित पीड़िता पर विवाह करने का दबाव बना रहा था, लेकिन पीड़िता ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुमित ने पीड़िता को सबक सिखाने के लिए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की साजिश रची।