सिरोही। बुधवार की बारिश किसानों के लिए शायद कुछ राहत लाई हो।
लोगों को भी सर्दी बढने से गर्म कपडे पहनकर कुछ फिट दिखने का मजा आया हो, लेकिन इन सब के बीच एक वर्ग ऐसा जिसने नुकसान इस बारिश में लाखों का नुकसान झेला है। जिले भर के कजावा उद्योग पर यह बारिश कहर बनकर गिरी है। इससे ईंट कजावा मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है।
कोई सुरक्षा नहीं
तमाम वर्गों पर रहम बरसा रही सरकारों के पास कजावा उद्योग पर निर्भर कुम्हार समाज के इस दर्द के लिए कोई मलहम नहीं है। रोजगार के अभाव में इस समाज के युवा इधर-उधर से पैसा इकटठा करके जैसे तैसे कजावे खडे करते हैं। इनमें लाखों रूपये की ईंटें बनाकर रखते हैं, लेकिन एक बारिश इनकी सारी मेहनत को मिटटी में मिला देती है। सांचे में डालकर सूखने के लिए रखी गई ईंटों पर यह बारिश कहर बनकर बरसी है। मावल, शिवगंज, पिण्डवाडा आदि इलाकों में बहुत कच्ची ईंटे में मिटटी में मिल गई। इस पर लगने वाली मेहनत और मजदूरी की राशि पानी बहा ले गई।