सिरोही। डाक बंगले में शनिवार को कांग्रेस के लोकतंत्र बचाओ मार्च की तेयारी के लिए बैठक आयोजित की गई थी। इसमें लोकतंत्र बचा या नहीं बचा यह पता नहीं, लेकिन लोढ़ा समर्थकों ने कांग्रेस के जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत के सिर पर घूंसे जरूर बजा दिए।
गहलोत ने अपने भाषण के दौरान बैठक में लोढ़ा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए जिले में कांग्रेस को बर्बाद करने का आरोप लगाया था, जो लोढ़ा समर्थकों को नागवार गुजरा और उनकी जमकर धुनाई कर दी।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर छह मई को दिल्ली में लोकतंत्र बचाओ मार्च निकलने वाला है। इसमें हर जिले के कांग्रेस जन भाग लेंगे। इसी की तैयारी व मार्गदर्शन बैठक के लिए कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला के प्रभारी लक्ष्मणसिंह रावत, महामंत्री लीला मदेरणा, सचिव करणसिंह उचयिरड़ा, खेतसिंह, जिलाध्यक्ष गगाबेन गरासिया, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की मौजूदगी में जिले भर के कांग्रेसियों की बैठक डाक बंगले में आहूत की गई थी।
बैठक में सभी वक्त एक एक करके अपना उद्बोधन दे रहे थे। सभी प्रभारी के निर्देशानुसार व्यक्तिगत आक्षेपों की बजाय पार्टी की स्थिति तथा मार्च को लेकर भाषण दे रहे थे। इसी में पुखराज गहलोत का भी बोलने का नम्बर आया। उन्होंने कहा कि वह सन दो हजार से कांग्रेस के जनप्रतिनिधि के रूप में जीत रहे हैँ और तब से अब तक जिले में कांग्रेस की बर्बादी हो रही है।
इसके लिए उन्होंने बैठक में ही संयम लोढ़ा को कारण बताया। इस पर लोढ़ा समर्थकों ने उन्हें व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाने को चेताया। इस पर भी गहलोत ने जैसे ही फिर से लोढ़ा पर आरोप लगाया वैसे ही उनकी पिटाई होनी शुरू हो गई। चारों तरफ से लोढ़ा समर्थकों ने घेर कर उन्हें इस कदर पीटा की उनके कपड़े भी फट गए। हालत यह थी लोढ़ा के अधिकांश विरोधी यह स्थिति देखकर गहलोत को छुड़वाने की बजाय आसपास के कमरों में चले गए।
बैठक में मौजूद वरिष्ठ कांग्रेसियों ने गहलोत को छुड़वाया। मारपीट की जानकारी मिलने पर कोतवाली से पुलिस बल भी डाक बंगले में पहुंच गया। करीब आधा घंटा की गर्मागर्म माहौल के बाद बैठक फिर से शुरू हुई और प्रभारी समेत अन्य वक्ताओं ने अपना उद्बोधन दिया।
-बैठक के बाद फिर गर्माया माहौल
बैठक समाप्त होते ही लोढ़ा के विरोधी गुट के कांग्रेसी नेता डाकबंगले के मुख्य हॉल से जुड़े कमरे में एकत्रित हुए। इन लोगों ने लोढ़ा समर्थकों की ओर से पुखराज गहलोत के साथ मारपीट करने की घटना की निंदा की। पुखराज गहलोत, गुमानसिंह देवड़ा, इंद्रसिंह देवड़ा, विक्रमसिंह देवड़ा, कालूराम माली, जगदीश माली, अनाराम बोराणा आदि ने इस घटना की निंदा की।
इनका कहना था कि यदि गहलोत ने उन पर आरोप लगाए थे, तो वह लोग भी गहलोत के आरोपों को जुबानी जवाब देते। इस घटना की सभी ने सामूहिक रूप से निंदा की और जबरदस्त रोष जताया।
-प्रभारी ने कहा, जुबानी आरोपों का जवाब जुबान से हो
बैठक के बाद प्रभारी लक्ष्मणसिंह रावत ने अपने उद्बोधन में लोढ़ा को एक जुझारू नेता बताते हुए खुदको उनका फैन बताया, लेकिन उन्होंने साथ ही बैठक में हुई मारपीट पर भी अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी। रावत ने कहा कि वह भी इस तरह के माहौल में रहे हैं, पार्टी कार्यकर्ताओं से है और कार्यकर्ताओं के पीछे ही नेता है। उन्होंने कहा कि उनकी भी पार्टी में कई बार अनदेखी हुई।
कई लोगों ने उनकी मुखालफत भी की, लेकिन उन्होंने जुबानी आरापों को जवाब जुबान से ही दिया, किसी को पीटा नहीं। रावत ने बाद में लोकतंत्र बचाने के लिए मार्च की रूपरेखा बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लोकतंत्र की हत्या रोकने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
इधर, संयम लोढ़ा ने भी पुखराज गहलोत पर लगाए हुए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। इसी कारण वह जिले में कांग्रेस को मजबूत करने और कांग्रेस की नीति के अनुसार लोकतंत्र को बचाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जिले में मजबूत करने के लिए किए जाने वाले उपायों के लिए वह अन्य लोगों की तरह प्रदेश के निर्देशों को इंतजार नहीं करते। बल्कि अपने स्तर पर जिला स्तर के कार्यक्रम बनाकर उस पर अमल करते हैं।
– हरीश चौधरी भी गुस्साए
बैठक के बाद रावत ने सभी असंतुष्टों से अलग-अलग बात करने के लिए डाक बंगले के एक कक्ष में बुलवाया। जब पुखराज गहलोत रावत से कक्ष में बात कर रहे थे तो यूआईटी आबूरोड के पूर्व चेयरमेन हरीश चौधरी को आबूरोड के ही कांग्रेस नेता राजेश कुमार ने कटाक्ष कर दिया। इस पर हरीश चौधरी और राजेश में हाथापाई की स्थिति आ गई, जिसे वहां मौजूद कांग्रेसियों ने रोका।