श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि उनका लक्ष्य ड्यूटी के दौरान मारे गए केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के परिवारों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक राहत देने का है।
सीआरपीएफ के 90वीं बटालियन के खनबल मुख्यालय पर सैनिक सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि यह मेरा लक्ष्य है कि केंद्रीय सशस्त्र बल के शहीद के परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपए की आर्थिक राहत दी जाए।
उन्होंने कहा कि हम जम्मू एवं कश्मीर में सीआरपीएफ को हेलीकॉप्टर सेवाएं देने पर विचार कर रहे हैं। विद्रोही गतिविधियों के दौरान ड्यूटी में सीआरपीएफ कर्मियों की वीरता की प्रशंसा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें अपने सीआरपीएफ कर्मियों पर गर्व है। साहस किसी बाजार से नहीं खरीदा जा सकता। आप अविश्वसनीय व बेजोड़ साहस के साथ पैदा हुए हैं।
इससे पहले पुलिस कर्मियों से मुलाकात में राजनाथ सिंह ने कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की बहादुरी का वर्णन करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में जिला पुलिस लाइन में स्थानीय पुलिसकर्मियों के एक दरबार (सभा) में उन्होंने कहा कि आप बेहद मुश्किल हालात में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और प्रधानमंत्री ने भी आपकी सेवाओं व बहादुरी की प्रशंसा की है।
उन्होंने कहा कि आप जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं और आप का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी सिर्फ आतंकवाद चाहते हैं, जबकि वे कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए लड़ने का दावा करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि लेकिन, स्थानीय पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान वास्तव में कश्मीर को वास्तविक जन्नत बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र सदैव पुलिस सहायक उप निरीक्षक अब्दुल राशिद व कांस्टेबल इम्तियाज अहमद के बलिदान को याद रखेगा। उन्होंने कहा कि मैं उनकी बेटी जोहरा का आंसू भरा चेहरा बर्दाश्त नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि बीते रोज एक अन्य पुलिस कर्मी इम्तियाज को आतंकवादियों ने मार दिया।उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के जवान कश्मीर, देश और कश्मीरियों के लिए बलिदान दे रहे हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इसे समझने को तैयार नहीं हैं।
इस साल 28 अगस्त को एएसआई राशिद को आतंकवादियों ने मार डाला, उस दौरान वह अपनी नियमित ड्यूटी पर तैनात थे।
कांस्टेबल इम्तियाज अहमद व दो अन्य पुलिस कर्मियों को शनिवार को अनंतनाग बस स्टैंड पर हिट एंड रन का शिकार बनाया गया। इनमें अहमद की मौत हो गई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिर्फ स्थानीय पुलिस ही कश्मीर में हालात को सामान्य कर सकती है।
उन्होंने फिर से कहा कि वह खुले दिमाग से किसी से भी मिलने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि मगर कश्मीर को दहशतगर्दी से निजात दिलाओ। उन्होंने कहा कि वह अकेले केंद्रीय गृहमंत्री हैं जो जम्मू एवं कश्मीर में हर साल चार बार दौरा करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस कर्मियों के लिए बुलेट प्रूफ वाहन खरीदने और ट्रामा सेंटर खोलने के लिए राशि आवंटित की है। मंत्री के संबोधन के बाद एक सवाल-जवाब के सत्र का आयोजन किया गया।