सूरत। 500 व 1,000 के नोटों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नोट बदलने के प्रयास भी तेज हो गए हैं। कई लोग पुराने नोट भुनाने व नए नोट हासिल करने के लिए कई तरह के अन्य तिकड़म भी अपना रहे है।
इस तरह के तिकड़म अपना रहे है।
(1) सोना-चांदी व जमीन – कई लोग पुराने नोट अग्रिम देकर सोना-चांदी व जमीन खरीद रहे है। इसके लिए वे निर्धारित दरों से कहीं अधिक राशी पुराने नोटों में अग्रिम दे रहे है।
(2) मंहगे उत्पादों की खरीद – कुछ लोग पुराने नोटों में अधिक कीमत पर उपलब्धता के आधार पर मंहगे एयर कंडीशनर, टीवी, मशीनरी व अन्य उपकरण भी खरीद रहे है। इसके पीछे उनकी सोच यह है कि बाद में पुराना सामान बेच कर नए नोट हासिल कर लेंगे।
(3) कमीशन खोरों की शरण – शहर में कई कमीशन खोर भी सक्रिय हो गए है। जो कथिततौर पर अपने संपर्को के जरिए १० से ५० प्रतिशत तक पर नोट बदलने का दावा कर रहे है।
(4) दिहाड़ी पर मजदूर – कई लोगों दिहाड़ी पर नोट बदलने के लिए मजूदरों को बैंकों के बाहर करतार में लगा रहा है। उन्हें उनकी मजदूरी पर पहचान पत्र के किराए के रुप में २०० से ५०० रुपए तक दिए जा रहे है।
(5) पेट्रोल पंपों पर इस्तेमाल -कई लोग पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल भरवा कर पांच सौ व एक हजार का नोट भुनवा छुट्टे हासिल करने का प्रयास कर रहे है हालांकि यहां सफलता कम लोगो को ही मिल रही है।
(6) कर्मचारियों को सौंपा काम – कई बड़े कारखानों व फर्मो में इन दिनों कुछ खास काम नहीं होने के कारण मालिकों ने कर्मचारियों को नोट बदलने के काम में लगा रखा है तथा उसी के आधार पर उनकी हाजिरी भी लगाई जा रही है।
(7) पैसे ले, बाद में चुकाए – कई अमीर लोगों ने अपने कर्मचारियों, परिचितों व रिश्तेदारों में बिना ब्याज के पुराने नोट बांट दिए है तथा उन्हें आसान किश्तों में नए नोटो में यह राशि चुकाने को कहा है।
(8) संपर्को का उपयोग- कई लोग बैंक व डाकघर कर्मचारियों के साथ अपने पुराने संपर्को का भी उपयोग कर रहे है। लंबी कतारों के बीच आसानी से बैंक में पहुंच कर अपने पुराने नोट बदलवा रहे है।
आयकर विभाग ने ज्वैलर्स से मांगी जानकारी
आयकर विभाग ने शहर सहित दक्षिण गुजरात के तमाम बड़े ज्वैलर्स को नोटिस भेजकर 8 नवंबर से एक सप्ताह तक के स्टॉक और बिक्री की जानकारी मांगी है।
केन्द्र सरकार की ओर से 8 नवंबर को पांच सौ और एक हजार रुपए की नोट बंद करने के निर्देश के दो-तीन बाद तक ज्वैलर्स के यहां लोगों की लंबी-लंबी लाईने लगी रही। कई लोगों ने बड़े पैमाने पर ज्वैलरी खरीदी और कइयों ने करोड़ों रुपए की ज्वैलरी के ऑर्डर दिए। इस परिस्थिति का लाभ लेते हुए कई ज्वैलर्स ने प्रति दस ग्राम पांच हजार रुपए तक ज्यादा लेकर ऑर्डर बुक किए। इसके बाद भी जून तक के लिए ऑर्डर बुक हो चुका है। देश भर में यहीं परिस्थिति रही। इतने बड़े पैमाने पर लोगों की खरीद देखते हुए सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने शक के आधार पर ज्वैलर्स के आठ नवंबर के बाद के सौदों पर जांच के लिए कहा है। इसके पश्चात सूरत कमिश्नरेट में भी सूरत सहित दक्षिण गुजरात के 150 से अधिक ज्वैलर्स के उन दिनों के हिसाब बताने के निर्देश दिए हैं। विभाग का उद्देश्य यह है कि ज्वैलर्स बाद में हिसाब-किताब में स्टॉक और बिक्री कम ज्यादा नहीं कर सके।
धक्का-मुक्की में पैर-हाथ की हड्डी टूटी
बड़े नोट बदलने के लिए बैंकों के बाहर लग रही कतारों में कुछ जगहों पर धक्का-मुक्की और भगदड़ जैसी भी घटनाएं हो रही है। रिंगरोड पर एक बैंक के सामने मची भगदड़ में दो जनें गिर गए जिसमें एक व्यक्ति का पैर तो दूसरे व्यक्ति का हाथ टूट गया। दोनों ने स्मीमेर अस्पताल में उपचार करवाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े नोट बंद करने के फैसले को जितना जन समर्थन मिल रहा है उतनी ही लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है। एटीएम बंद होने के कारण लोगों को खाते से रुपए निकालने में परेशानी हो रही है। दूसरी तरफ जिनके पास 500-1000 रु. के नोट है उनको वह बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर लंबी कतार से गुजरना पड़ रहा है।
शहर के सहारा दरवाजा राजीव नगर झोपड़पट्टी निवासी लालजी यादव (35) और ओमप्रकाश रामओजन सिंह (40) संचा कारखाने में नौकरी करते हैं। नोट बंद के फैसले के बाद उन दोनों ने भी रिंगरोड पर यूनियन बैंक के सामने सोमवार सुबह को बड़े नोट बदलवाने के लिए बाहर लाइन लगाई थी।
बैंक खुलने के समय लाइन सीधी करने की बात पर कतार खड़ी हुई तभी आगे-पीछे होने में भगदड़ जैसा माहौल हो गया। धक्का-मुक्की में लालजी और ओमप्रकाश गिर गए और भीड़ के नीचे कुचल गए। उन दोनों ने रुपए तो नहीं निकाले लेकिन इलाज के लिए स्मीमेर अस्पताल पहुंच गए।
इमरजेंसी विभाग में जांच के दौरान लालजी के पैर में फैक्चर तथा ओमप्रकाश के हाथ की हड्डी टूटी हुई मिली है। चिकित्सकों ने प्लास्टर चढ़ाने के बाद दोनों को दवाई लिखकर अस्पताल से छुट्टी दे दी।
कतार में चक्कर खाकर गिरा युवक
वेसू स्थित एक बैंक के बाहर नोट बदलवाने के लिए खड़ा बाइस वर्षीय युवक चक्कर खाकर गिर गया। उसे १०८ एंबुलेंस में न्यू सिविल अस्पताल लाया गया। उसे प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
सूत्रों के अनुसार पिपलोद वेलेन्टाइन सिनेमा के पीछे एसएमसी क्वाटर्स निवासी दिपक राजु पाटिल (२२) चार हजार रुपए के बड़े नोट बदलवाने के लिए वेसू क्षेत्र में एसबीआई बैंक के बाहर कतार में खड़ा था। तभी वह चक्कर खाकर गिर गया। उसे १०८ ए?बुलेंस में न्यू सिविल अस्पताल लाया गया।
ट्रोमा सेंटर में चिकित्सकों ने उसको प्राथमिक उपचार दिया। तबीयत ठीक होने के बाद उसे घर भेज दिया गया। अस्पताल में दिपक ने बताया कि वह इलेक्ट्रिशियन की नौकरी करता है। उसके घर के अन्य सदस्य संबंधी की मौत के चलते अंतिम विधी में शामिल होने के लिए अहमदाबाद गए हुए हैं।
खुल्ले रुपए नहीं होने के कारण उसने सुबह कुछ खाया भी नहीं था और बैंक के बाहर कतार में रुपए बदलवाने के लिए खड़ा था। वह लगातार तीन दिन से बैंक के बाहर लगा रहा है लेकिन कभी नकद खत्म तो कभी दूसरी समस्या के कारण उसका नंबर नहीं आ पा रहा था।
छोटे व्यापारियों की परेशानी बढ़ी, दुकाने बंद
पांच सौ और एक हजार की नोट बंद होने के एक सप्ताह बाद भी प्र्याप्त सं?या में रुपए बाजार में नहीं आने के कारण पूरा व्यापार प्रभावित हो रहा है। छोटे व्यापारियों की परिस्थिति ज्यादा खराब है क्योंकि उन्होंने कुछ दिनों तक उधार माल बेचे लेकिन अभी तक पैमेन्ट नहीं आने के कारण अब दुकान बंद करने की नौबत आई है।
पांच सौ और हजार की नोट अचानक बंद हो जाने के बाद छोटे व्यापारियों ने अपने ग्राहकों को कुछ दिनों तक उधार माल बेचे थे। उन्हें उ?मीद थी कि चार-पांच दिनों में लोगों के पास नए नोट आ जाने के बाद पैमेन्ट आ जाएगा। लेकिन बैंको के आगे इतनी लंबी लाइन लग रही है कि कई लोगों का नंबर आने के पहले ही रुपए समाप्त हो जाते हैं।
एटीएम मशीनों पर भी यही परिस्थिति है। पांच सौ रुपए के नोट अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं होने से मुसीबत और बढ़ी है। कुल मिलाकर लोगों के पास खर्च करने के लिए अभी भी रुपए का अभाव है। कई लोग एक हजार रुपए लेकर आठ सौ रुपए दे रहे है लेकिन बार बार उनसे लेकर लोग 200 का नुकसान नहीं कराना चाह रहे।
कंपनियों ने कर्मचारियों को वेतन भी पांच सौ और एक हजार की नोट में दिया है। जो कि दुकानदार नहीं ले रहे। सात दिनों के बाद अब व्यापारियों के पास भी पूंजी कम पड़ रही है। कई दुकानदारों ने दुकाने बंद कर दी है और पैमेन्ट आने के बाद ही खोलेंगे। इसके अलावा जूता-चप्पल, कटलरी, स्टेशनरी, खेलकूद के सामान आदि की दुकानों पर तो ग्राहक स्वंय ही नही जा रहे।
छोटे व्यापारियों की परिस्थिति खराब
नोट बदलने की समस्या के कारण छोटे व्यापारी बहुत चिंतित है। पांच सौ की नोट नहीं होने के कारण कई लोग व्यापार नहीं कर पा रहे। हमने व्यापारियों से अपने परीचितों को उधार देने के लिए भी आग्रह किया है। रुपए के अभाव में लोग मात्र आवश्यक चीजें खरीद रहे हैं। बाकी अन्य दुकानों पर बिक्री नहींवत है। रुपए की समस्या को लेकर हमने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में गुहार लगाई है। जल्द ही इसका नतीजा निकलेगा।
बरकत पंजवाणी, चेयरमैन, रिटेल ट्रेड कमेटी (चेंबर ऑफ कॉमर्स)
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