जयपुर। एसीबी की कार्रवाई में पकड़े गए शहर के चीफ फायर अधिकारी दिनेश वर्मा के पास तलाशी में करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली है। बताया जा रहा है कि वर्मा ने महज एक साल में दलाल पुष्पेन्द्र अग्रवाल व रमेश के मार्फत यह संपति बनाई है।
जेडीए व नगर निगम में अधिकारियों से सांठगांठ कर काम करवाने के बदले दलाली करवाने वाला पुष्पेन्द्र अग्रवाल इस गिरोह का मास्टर माईंड है।
एसीबी की कार्रवाई के बाद तलाशी में दिनेश वर्मा के बैंक खातों में रुपए मिलने के साथ ही लाखों रुपए की अचल संपति के दस्तावेज मिले है।
उसने दलाल पुष्पेन्द्र अग्रवाल के साथ मिल कर शहर के बिल्डरों को फायर एनओसी जारी करने की एवज में करोड़ों की रिश्वत का खेल चला रखा था। एसीबी ने जेडीए व निगम से चिन्हित बिल्डिंग का रिकॉर्ड मांगा है।
वर्मा के तीन बैंक खातों का पता चला है बाकी का पता लगाया जा रहा है। वर्मा के घर से तलाशी में जमीन, भूखण्ड व फ्लैट के खरीद के दस्तावेज मिले है जिनकी तस्दीक की जा रही है।
एसीबी करीब दो पहले माह से दलाल पुष्पेन्द्र अग्रवाल के फोन टेप कर रही थी। टेपिंग में कई बाद जेडीए व निगम के अधिकारियों का जिक्र हुआ। पुष्पेन्द्र अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को जेडीए, नगर निगम व फायर ऑफिस में चर्चा चलती रही।
एसीबी वीकेआई क्षेत्र वाले उस अस्पताल संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है जो डेढ़ लाख रुपए देकर आनन-फानन में अस्पताल के एनओसी लेना चाहता था।