कानपुर। लवकुश नगरी यानि बिठूर में सर संघ चालक डा.मोहन मधुकर राव भागवत देर शाम पंहुचकर प्रान्त प्रचारकों के बीच बैठक शुरू कर दी। बैठक में केन्द्र सरकार के कामों की समीक्षा व आगामी नीति पर चर्चा हो रही है।
इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि सात दिवसीय बैठक में प्रतिदिन दो घंटे यूपी के आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर भागवत मंथन करेंगें। यहां पर मीडिया को पूर्णतया प्रतिबंधित कर रखा गया है। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि यूपी पर विस्तृत चर्चा हो रही है और चेहरा पर भी मुहर लगने की संभावना है।
सर संघ चालक देर शाम दिल्ली से चलकर शताब्दी एक्सप्रेस से कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पहुंचे। स्टेशन में उतरते ही बिना मीडिया से बातचीत किए सीधे बैठक स्थल महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कालेज पहुंच गए। जिसके बाद प्रांत प्रचारकों के बीच बैठक की और सुबह पांच बजे प्रचारकों के साथ योगा भी किया।
सूत्रों ने बताया कि पहले दौर की बैठक सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुई और दोपहर 12 बजे खत्म हुई। दूसरी बैठक दो बजे से शुरू होकर पांच बजे तक चलना है। बताया जा रहा है कि पहली व दूसरी बैठक में पहला दिन पूर्णतया केन्द्र सरकार की योजनाओं पर केन्द्रित रहा।
इसके साथ ही बताया गया कि बैठक में संघ के प्रचार प्रसार को बढ़ाने के लिए भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि भागवत ने प्रान्त प्रचारकों से कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं में जो खामियां हो उससे अवगत कराया जाय। इसमें कुछ लोगों ने रक्षा क्षेत्र में एफडीआई लाए जाने का विरोध दर्ज कराया। तो वहीं दूसरे चरण के अन्तिम समय में प्रदेश की ताजा हालातों पर चर्चा की गई।
आधा सैकड़ा पहुंचे प्रचारक
सूत्रों के मुताबिक प्रान्त प्रचारकों की बैठक में देश के लगभग 150 से अधिक प्रांत प्रचारकों को पहुंचना है। जिसमें पहले दिन लगभग 45 प्रचारक ही पंहुच पाए, बाकी बचे हुए प्रचारक अल्फाबेटली के तहत बैठक में बुलाया जा रहा है। पहले दिन भागवत सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल के साथ सह सर कार्यवाह व क्षेत्रीय कार्यवाहों के बीच बैठक की।
घर-घर पहुंचे कौशल विकास
प्रांत प्रचारकों की बैठक में पहला दिन का ज्यादातर समय केन्द्र सरकार की कौशल विकास योजना के नाम रहा। भागवत ने सभी प्रचारकों से कहा कि कौशलविकास योजना को घर-घर पहुंचाया जाए ताकि बेरोजगार इसका लाभ उठा सके और देश की तरक्की तेजी से हो सके।
परिंदा भी नहीं मार सकता पर
राष्ट्रीय स्वयं सेवक की प्रांत प्रचारकों की बैठक में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। यहां और कोई नहीं स्वयं सेवक खुद सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए है। गेट से लेकर बैठक स्थल तक चार चरणों में स्वयं सेवक सुरक्षा में लगे रहें। यहां तक कि जिनके नाम दर्ज है वही व्यक्ति या गाड़ी ही अंदर जा सकती थी। बताते चलें कि मोहन भागवत को जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है। इसके बावजूद स्वयं सेवक अपनी जिम्मेदारी में ही बैठक का संचालन कर रहे थे। सुरक्षा की लिहाज से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया है।