जमशेदपुर। देश के लोग मिलकर देश चलाते हैं। केवल सरकार देश नहीं चलाती और प्रजातंत्र में सरकार तो ऐसे ही चलती है जैसे समाज चलना चाहता है।
यह बातें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जमशेदपुर के गुजराती सनातन समाज के मैदान में झंडोतोलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि समाज जैसे चलना चाहता है, उसके खिलाफ चल कर सरकार नहीं चल सकती है। एक गणराज्य के नाते भारत अपने कर्तव्य का निर्वाह करेगा ही।
इसका मतलब है कि गणराज्य के लिए जो पात्रता होनी चाहिए उस पात्रता को लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने वाला समाज बने अब वह समाज है, इसलिए हमको सोचना है।
स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अनेक वीरों ने अपना बलिदान दिया और प्राणों का अर्पण किया। अब हर दिन बलिदान की आवश्यकता नहीं है। पर जिनके पुण्य के कारण हम स्वतंत्र हुए उनके बलिदान की सार्थकता सिद्ध हो, हमें ऐसा जीवन जीना चाहिए।
ऐसा जीवन जब कोई समाज देश के लिए जीता है तो उसका स्वभाविक परिणाम देश में समृद्धि के रुप में आता है। धर्म का मतलब पूजा नहीं होता है, धर्म का मतलब सारे जीवन की धारणा होती है जो संपूर्ण सृष्टि को जोड़े रखता है और बिखरने नहीं देता है।
मैंने राष्ट्रीय ध्वज का प्रतीकात्मक अर्थ आपके सामने कहा। आज हमने झंडोतोलन किया है। आज के दिन हम फिर एक बार पीछे मुड़कर अपने जीवन का निरीक्षण करें और सोचें कि अपने जीवन में इस दृष्टि से क्या उपयोगिता है। आज के संदेश के आधार पर अपने जीवन को देश के लिए बेहतर बनाने का प्रयास शुरु कर दें।