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rss chief mohan bhagwat in jamshedpur
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समाज के हर वर्ग को जोड़ें स्वयंसेवक : मोहन भागवत

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समाज के हर वर्ग को जोड़ें स्वयंसेवक : मोहन भागवत

rss chief mohan bhagwat in jamshedpur

जमशेदपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ के लोग समाज के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें, ताकि एक बेहत्तर समाज का निर्माण हो सके।

उन्होंने कहा कि संघ आज 90 साल का हो गया और अगले साल 91 का हो जाएगा। 1925 मे संघ की स्थापना जिस कारण से हुआ संघ उसे आज भी पूरा कर रहा है। संघ का जो मकसद पहले था और आज भी है।

उन्होंने कहा मुझे क्या बोलना है सबको पता है मेरे जगह कोई और व्यक्ति भी आएगा तो वही बोलेगा जो मुझे बोलना है। मैं कोई नया बात नहीं बोलने जा रहा हूं यहां मैं कोई भाषण नहीं दे रहा हूं। समान्यता लोग जब भाषण सुनने आते हैं तो वह सिर्फ भाषण का हिस्सा बनते हैं सुनते नहीं है कोई मैदान में टहलता है कोई भी मूंगफली खाता है।

इस तरह जब भाषण खत्म हो जाता है। तब सभी अपने घर चले जाते हैं लेकिन आज का यह जो कार्यक्रम है यह भाषण नहीं है यह बोद्धिक लोग आए हैं जो कुछ सोचना चाहते हैं कुछ करना चाहते हैं वही लोग यहां आए हैं और यहां से सुनकर स्मरण करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि संचालकों को अपनी गतिविधियां बढ़ानी होगी समाज के साथ और निकट का संबंध कायम करना होगा समाज के लोगों को एक अच्छा विचारधारा देना होगा समय अनुकूल है स्वयं सेवकों के लिए अनुशासन है जिनको हम मानते हैं जिस समाज को बनाना है उस समाज में दोस्ती करनी पड़ेगी उसके जैसा करना पड़ेगा तब जाकर वह हमें समझेंगे।

इस दौरान उन्होंने कई उदाहरण भी दिए उन्होंने कहा टाटा के प्रमुख रतन टाटा नागपुर में संघ के कार्यालय पिछले दिनों आए। संयोगवश मैं भी वहां था, रतनटाटा मुझसे आए मिलने और एस सवाल किया। उन्होंने कहा कि समान्यत: संघ के बारे में लोगों की गलत धारणा है। लोग इसे समझते नहीं संघ से लोग ऐसे सवाल पूछते हैं जिसका कोई जवाब ही नहीं होता है जितने भी संघ के लोगों से सवाल पूछा जाता है 99 परसेंट लोग गलत सवाल पूछते हैं।

लेकिन रतन टाटा आए तो उन्होंने मुझसे पूछा की संघ में स्वयंसेवक इतने जल्दी तैयार कैसे होते हैं। हमें बताया जाए, हमें दिखाए जाए कहां शाखा और कैसे चलता है। उसे दिखाया जाए तो मैंने उन्हें कहा आप जहां रहते हो वहां मैं कह दूंगा। वही जाकर आप शाखा देख ले। वहां आपको जानकारी हो जाएगी कि कैसे शाखा चलता है कैसे एक स्वयंसेवक तैयार होते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि समाज को सुधारना है तो शाखाओं में आएं, दोस्ती बनाएं और समाज के सुधारक बनें। समाज बनाने के लिए अपने आचरण को भी सुधारना होगा अपने कमी को धीरे-धीरे ठीक करें। एक दिन ऐसा आएगा आपकी सारी कमी है ठीक हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक अच्छा स्वयंसेवक शाखा की साधना से बनता है। संघ मे पांच पीढियां हो गई हैं। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा में जाएं और काम सीखें समाज को गतिमान बना।

उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को समाज के विकास में सहयोगी बनना होगा, लोगों के करीब जाना होगा उनके दुख सुख में साथ रहना होगा ताकि समाज संघ के प्रति अपनापन सा भाव महसूस करें लोगों को लगे कि संघ उनके बारे में सोचता है।

बिष्टुपुर स्थित साउथ पार्क के मैदान में महानगर के बौद्धिक वर्ग को संबोघित करते हूए वे जमशेदपुर के गुजराती सनातन समाज मे चल रहे संघ के कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।