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rss chief mohan bhagwat pitches for hindu unity, says missionaries lack strength to convert hindus
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समर्थ भारत दुनिया को दिलाएगा समस्याओं से राहत : भागवत

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समर्थ भारत दुनिया को दिलाएगा समस्याओं से राहत : भागवत
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सूरत। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संपन्न और समर्थ भारत के खड़ा होने से दुनिया को समस्याओं से राहत मिलेगी।

हमारी सनातन संस्कृति धर्म संस्कृति है जो सत्य और पराक्रम के आदर्श पर कायम है। उन्होंने कहा कि ईसाइयत और इस्लाम की लाख कोशिश के बाद भी हमारा स्वरूप जस का तस है।

भागवत शनिवार को नवसारी जिले के वांसदा स्थित दिग्वीर क्लब मैदान में आयोजित भारत सेवाश्रम संघ के शताब्दी समापन समरोह में बोल रहे थे। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत हमारे पूर्वजों की भूमि है और हम सबकी माता भारत माता है। हम यदि योग्य और श्रेष्ठ होंगे तो दुनिया को कुछ दे पाएंगे। उन्होंने समाज के हर वर्ग के बीच जाकर सेवा कार्य को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि किसी भाषा, प्रांत, जाति या भगवान की पूजा के आधार पर बंटने के बजाए हम एक माता भारत माता की संतान है, की भावना के साथ आपस में जुड़े।

संघ प्रमुख ने कहा कि हिन्दुओं के जागरण का वक्त है। समाज के कमजोर तबके को मदद करना उसी तरह हमारा कत्र्तव्य है, जैसे हम परिवार में कमजोर भाई को मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि हम समस्याओं के घेरे में उल्झे नहीं, एक दूसरे की सहायता कर बाहर

निकल जाएंगे। यही काम महाजागरण है। इसके अलावा सभी समाज मिल कर रहे तो इसे महामिलन कहते हैं। इस महाजागरण और महामिलन से हमारी सभी समस्याओं से महामुक्ति मिलेगी।

सनातन धर्म संस्कृति पर खतरा नहीं

भागवत ने कहा कि सनातन संस्कृति को दूसरे धर्म से कोई खतरा नहीं है। यदि हमारा महाजागरण और महामिलन होता रहेगा तो दुनिया की श्रेष्ठ संस्कृति का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। उन्होंने कहा कि एक हजार साल में ईसाइयत ने यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों को ईसाई बना दिया। ईसाइयत का प्रचार चीन जैसे कम्युनिस्ट देश या मध्यपूर्व के इस्लामिक देशों में संभव नहीं तो उन्होंने भारत की ओर रुख किया। पर इतने प्रयासों और सिर पटकने के बाद भी भारत की छह फीसदी आबादी ही ईसाई है। वहीं हाल इस्लाम का भी है। एक समय इस्लाम की आंधी चली, पर सिंधु नदी के पार करने में ही उन्हें वर्षों लग गए। बाद में भारत में पांच सौ साल तक घूमने के बाद भी देश हिन्दू बहुल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा तभी संभव हुआ है कि हमारा सनातन धर्म सत्य और आदर्श पर आधारित है। हमने किसी को नहीं सताया, मतान्तर का कार्य नहंी किया। बस यही कहा कि जिसकी आराधना करो श्रद्धा से करो।

सरकार के बजाए खुद पर रखें भरोसा

भागवत ने सरकारों पर मदद की आस के बजाए लोगों को समाज को मजबूत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोग इतना अच्छा कार्य करे कि सरकारें उनके पास आकर बोले कि वह बताए उन्हें सरकार क्या मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि किसी को बदलने के बजाए उसके दुखों को बदलने से परिवर्तन आएगा। किसी की सेवा करें तो अपेक्षा के बिना। ऐसा करने से हिन्दू समाज खड़ा होगा, मजबूत होगा जिससे सारी दुनिया को संदेश जाएगा।

इससे पहले आयोजन में भारत सेवाश्रम संघ सूरत शाखा के अध्यक्ष अंबरिशानंद ने संस्था के सौ साल पूरा होने पर देश भर में विस्तार का वृत रखा। उन्होंने संघ के कार्यों का वर्णन करते हुए संस्थापक प्रणवानंद महाराज के संकल्पों को बताया। उन्होंने आरएसएस और सेवाश्रम के संबंधों को भी विस्तार से बताया। आयोजन में भारत सेवाश्रम संघ के महामंत्री विश्वात्मानंद, आरएसएस के प्रांत संघचालक मुकेश मल्कान सहित बड़ी संख्या में सामाजिक अग्रणी मौजूद थे।