लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह सुरेश राव उपाख्य भैय्याजी जोशी ने रविवार को कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज में परिवर्तन के वाहक बनें। इसके लिए कार्यकर्ता स्वयं के जीवन को आदर्श बनाएं। तन और मन लगाकर संघ का कार्य करें।
उन्होंने कहा कि जिस समाज में चिन्तन की प्रक्रिया रूक जाती है। उस समाज में विकार आ जाते हैं। इसके लिए आदर्श जीवन जीने वाले कार्यकर्ता चाहिए। व्यवस्थाओं में परिवर्तन लाने का काम सरकार है लेकिन समाज में परिवर्तन लाने का काम साधु संतों व समाज सुधारकों का है। सरकार्यवाह रविवार को सीतापुर रोड स्थित सेवा अस्पताल में आयोजित शाखा टोली शिविर के समापन अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
भैय्याजी जोशी ने कहा कि हिन्दू कभी असहिष्णु हो ही नहीं सकता। भारत में तो शत्रु को भी अपना बनाने की परम्परा है। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाए की अपनी परम्परा रही है। हिन्दू कभी किसी का विरोध अनावश्यक नहीं करता। हम शस्त्र नहीं शास्त्र लेकर दुनिया में गए।
दुनिया में अगर शांति स्थापित करनी है तो हिन्दुओं को संगठित और सामार्थशाली बनाना होगा। केवल संगठित करने मात्र से काम नहीं चलेगा। हिन्दू समाज को दोषमुक्त भी होना चाहिए। अगर हिन्दू समाज को दोषमुक्त रखना है तो जहां-जहां हिन्दू हैं उनको संगठित करना होगा।
सर कार्यवाह ने कहा कि सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए संघ ने बड़ा कार्य किया है। आज संघ किसी जाति विशेष का नहीं बल्कि सारे समाज का है। दुनिया के कोने-कोने में जहां-जहां हिन्दू हैं वहां संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं।
अभी समय आना बाकी जब हिन्दुओं को काई ललकार नहीं सकेगा
भैय्या जी जोशी ने कहा कि हममें ऐसी सामार्थय चाहिए कि हिन्दुओं की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत किसी में न हो। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हिन्दुओं को कोई ललकार नहीं सकेगा। अगर सारे लोग अपने को हिन्दू बोलने लगे तो सारी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी।
हिन्दू बचेंगे तभी जाति रहेगी
जातिवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भेदभाव से मुक्त होकर सारा हिन्दू एक रहेगा तभी जाति बचेगी। जब तक हिन्दू हैं तभी जातियां हैं। हम सबको छोटी बात जाति याद रही लेकिन बड़ी बात हिन्दू भूल गए। अभी समय आना बाकी है कि हिन्दुओं को कोई ललकार नहीं सके।
उन्होंने कहा कि देश के उत्थान और पतन का कारण हिन्दू ही है।
देश का भवितव्य हिन्दुओं से जुड़ा है। यहां की हर चीज तीर्थ क्षेत्र, धर्मग्रन्थ वेद उपनिषद रामायण महाभारत सब हिन्दुओं से जुड़ी हुई है। हिन्दू राष्ट्र नहीं हिन्दू राष्ट्र को शक्तिशाली बनाना है। दुनिया के सभी विचार संकुचित हैं। भारत का विचार ही पूरे विश्व का कल्याण कर सकता है।