उदयपुर। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ.मनमोहन वैद्य ने कहा है कि उदयपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय एक रूटीन बैठक है और इस बैठक में कोई निर्णय नहीं किए जाते।
गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में डॉ. मनमोहन वैद्य ने बताया की समन्वय बैठक में कोई निर्णय नहीं होते हैं। निर्णय के लिए कार्यकारी मंडल की बैठक हैदराबाद में अक्टूम्बर माह में होगी। इसी तरह प्रतिनिधि सभा की बैठक मार्च में होती है।
उन्होंने कहा कि संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारी एवं संघ के विविध क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ता पूरे वर्ष भर प्रवास पर रहते हैं, भिन्न-भिन्न लोगो से मिलते हैं और उनसे समाज के कामकाजों की जानकारी लेते हैं।
साल में दो बार यही पदाधिकारी व कार्यकर्ता समन्वय बैठक में अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं। पिछली बैठक जुलाई में हुई थी। जुलाई से अब तक जो कार्यक्रम हुए हैं एवं जो कार्यक्रम आगे होने वाले उसकी चर्चा इसी समन्वय बैठक में करेंगे।
राहुल गांधी द्वारा संघ पर लगाए गए आरोप से जुड़े सवाल के जवाब में डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा की संघ एक खुला संगठन है। कई लोग जुड़ते हैं, छोड़ते हैं और निष्क्रिय हो जाते हैं।
ट्रायल कोर्ट एवं हाईकोर्ट के अभियोजन एवं चार्जशीट में कही संघ का नाम नहीं है। इसके बाद दो आयोग बने है उनमे भी महात्मा गांधी की हत्या में संघ का नाम नहीं है। खुद अभियुक्तों ने भी कभी संघ का नाम नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए। निर्णय करने का काम कोर्ट का है ना की आरोप लगाने वालो का। ये वो लोग है जो न्यायिक प्रक्रिया द्वारा घोषित आतंकवादियों की बैठक में जाकर उनका गुणगान करते है।
यदि इनके पास कोई सबूत हो तो साबित करें। ऐसे लोगो में सत्य को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है इसलिए न्यायालय से भागते फिर रहे हैं।