नई दिल्ली। चीन को अपनी विस्तारवादी एवं साम्राज्यवादी नीतियों पर अकुंश लगाते हुए कैलाश मानसरोवर को भारत के सुपुर्द कर देना चाहिए। भगवान शंकर भारत के ही नही अपितु पूरे विश्व के कर्ताधर्ता है।
उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष इन्द्रेश कुमार ने तिब्बत-भारत सहयोग मंच के तत्वाधान में आयोजित श्रावण संकल्प उदघाटन समारोह के अवसर पर कही।
इस मौके पर इन्द्रेश जी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा बिना किसी परमिट के होनी चाहिए । इस पर किसी देश की साम्राज्यवादी नीति की परछायी नही पडनी चाहिए । कैलाश मानसरोवर को इससे मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी मुक्ति के लिए दिल्ली सहित पूरे देश में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाए।
उन्होंने कहा कि चीन का कैलाश मानसरोवर से कोई संबंध नही है। यह सृष्टि के रचनाकार का निवास है। इस बारे में चीन साफ झूठ बोलता है। वहां पांच हजार चीनी भी पूजा-अर्चना के लिए नही आते।
यदि इतने चीनी भी वहां पूजा के लिए आते तो कैलाश मानसरोवर को अपना बताने का चीन का यह षडयंत्र सफल हो जाता। जबकि भारत के करोडों लोग कैलाश मानसरोवर जाते है और शिव की पूर्जा-अर्चना करते है।
इन्द्रेश जी ने कहा कि केन्द्र सरकार भी अपने स्तर पर प्रयास कर रही है । जल्द ही इसका असर दिखने लगेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस शुभ अवसर पर सभी धर्मों एवं पंथ के लोग भी कैलाश मानसरोवर को चीनी अधिपत्य से मुक्त कराने का संकल्प लें । और भगवान शिव के दुआ करें कि अपने जीवन काल में कैलाश मानसरोवर चीन के अधिकार से मुक्त हो जाए।
इस मौके पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष,आरएसएस के प्रांतीय प्रचारक पकंज, कार्यक्रम आयोजक वीके शर्मा सहित 200 लोग उपस्थित थे।