नई दिल्ली/कोयंबटूर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की दयनीय स्थिति और राज्य प्रशासन के असहयोगात्मक रवैया पर चिंता जताई है।
इस मुद्दे पर सरकार को चेताने के लिए संघ अपने सर्वोच्च निर्णायक मंडल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की रविवार से तमिलनाडु के कोयंबटूर में शुरू हुई वार्षिक बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित करेगा।
यह जानकारी संघ के सहसरकार्यवाह वी. भगय्या ने बैठक के उद्घाटन सत्र के बाद प्रेसवार्ता में दी। अ.भा. प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पारित करने पर उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदुओं की स्थिति खतरनाक है। हिंसा, लूट, हत्याएं, मुस्लिम तुष्टीकरण चरम पर है।
सरकारी मशीनरी और पुलिस हिंदुओं और हिंदू त्योहारों पर हो रहे अत्याचारो पर मूक दर्शक बन कर रहती है। हाल ही में पश्चिम बंगाल में धुलागढ़ और कालियाचक में हुए हमलों का उन्होने उदाहरण पत्रकारो के समक्ष रखा।
उन्होंने कहा की समाज को जागृत करने और सरकार को अपील करने के लिए, पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की स्थिति और कष्टों पर एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
बैठक का विधिवत उद्घाटन सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा सरकार्यवाह भैयाजी (सुरेश) जोशी ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। तीन दिन तक चलने वाली प्रतिनिधि सभा में 11 क्षेत्र व 42 प्रान्तों से 1400 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।