सबगुरु न्यूज-सिरोही। रामझरोखा में अपने बौद्धिक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख गंगाबिशन ने कहा कि देश में आरएसएस जैसी कुछ अन्य संस्थाएं भी कार्यरत हैं, लेकिन नित्य सिद्ध शक्ति आरएसएस वैशिष्टयता है। शक्ति सिद्ध करने का स्थान संघ की शाखाएं हैं।
उन्होंने कहा कि संघ की शाखाएं कल्पवृक्ष और कामधेनु हैं। यह वह सब देंगी जो इनसे मांगेंगे, लेकिन इससे पहले इन्हें सींचकर बडा करना पडेगा। उन्होंने कहा कि जब तक संघ में गठ और गण व्यवस्था बढता रहेगी, समाज के हर वर्ग में संघ का संपर्क स्थापित रहेगा और संघ आह्वान पर एकत्रित होता रहेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया से इतर संघ के नेटवर्क की तुलना करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि गण और गठ व्यवस्था संघ का नेटवर्क है और इसमें संवेदनाएं हैं। इसी कारण जब भी आह्वान होता है सोशल मीडिया की तरह संदेश को प्रसारित करने की बजाय संघ का स्वयंसेवक संदेश मिलने पर मौके पर पहुंचकर पीडित मानवता की सेवा करने को तत्पर रहता है।
उन्होंने कहा कि देवशाला के साथ पाठशाला, मल्लशाला, भोजनशाला और धर्मशालाएं भी खोले जाना भारतीय संस्कृति का विधान रहा है। अब देवशाला के साथ कई स्थान पर भोजनशाला और धर्मशाला तो मिल जा रही है, लेकिन पाठशाला और मल्लशाला गायब हो गई है। इनके बिना शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती की कल्पना निरर्थक है।
उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से आताताइयों के हमले के बाद भी हिन्दु संस्कृति अब तक अक्षुण्ण है तो इसका कारण यह है कि इसकी जडें गहराई तक फैली हैं। उन्होंने कहा कि खुद कमाना और खुद खाना प्रकृति है, दूसरों के कमाए को लूटकर खाना कम्युनिस्ट विकृति है तथा एक का कमाना और शेष सभी का खिलाना हिन्दु संस्कृति है। इससे पहले नई गणवेश में सर केएम स्कूल से पथ संचलन निकाला गया।
शहर में जगह-जगह पुष्पवर्षा से संचलन का अभिनन्दन किया गया। रामझरोखे में भगवा ध्वज फहराने के बाद बौद्धिक शुरू हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि समाजसेवी भीखसिंह भाटी व जिला संघचालक एडवोकेट हंसराज पुरोहित मंचासीन थे। जालोर विभाग बाबूलाल, सिरोही जिला प्रचारक विजेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे।