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रानी अवंती बाई के बलिदान को संघ ने नमन किया - Sabguru News
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रानी अवंती बाई के बलिदान को संघ ने नमन किया

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रानी अवंती बाई के बलिदान को संघ ने नमन किया
rss pays tribute to queen of Ramgarh rani avanti bai on death anniversary
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली रामगढ़ की रानी वीरांगना अवंती बाई को उनके बलिदान दिवस पर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार रहीं रानी अवंती बाई ने 20 मार्च, 1858 को अपना जीवन बलिदान कर दिया था।

वीरांगना अवंती बाई को उनके बलिदान दिवस पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए संघ ने सोशल मीडिया में रविवार को जारी एक संदेश में कहा कि राजा विक्रमादित्य सिंह की मृत्यु के बाद रामगढ़ को हड़पने के लिए अंग्रेजों ने उनके पुत्रों अमान सिंह और शेर सिंह को नाबालिग घोषित कर, वहां कोर्ट ऑफ वार्ड्स की कार्यवाही करके प्रशासन अपने कब्जे में लेना चाहा।

लेकिन रानी अवंती बाई ने स्वयं को नाबालिग पुत्रों की संरक्षिका घोषित कर दिया और राज्य की शक्ति अपने हाथों में ले ली। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।

अंग्रेजों के खिलाफ छेड़े गए युद्ध में सहयोग के लिए रानी ने अपने पडोसी राज्यों को एक पत्र और कुछ चूडियां भी भेजीं। उन्होंने पत्र में स्पष्ट लिखा कि यदि आपको लगता है कि भारत माता के प्रति आपका कुछ कर्तव्य है, तो अंग्रेजों से संघर्ष के लिए तैयार रहो या फिर यह चूड़ियां पहनकर घर में बैठो।

रानी के इस पत्र ने देशी राजाओं को अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठाने के लिए प्रेरित किया। रानी के संदेश पर तमाम राजा एकजुट हो गए और मध्य प्रांत में क्रांति की एक लहर दौड गई। बाद में अंग्रेजों से जारी जंग लड़ते-लड़ते 20 मार्च 1858 को रानी ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए स्वयं को कटार मार ली और अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया।