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RSS pracharak Sohan Singh's life devoted to nation-building
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आरएसएस प्रचारक सोहन सिंह का जीवन राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित

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आरएसएस प्रचारक सोहन सिंह का जीवन राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित
RSS pracharak Sohan Singh's life devoted to nation-building
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जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख सुरेश चन्द्र ने बृहस्पतिवार को स्थानीय अग्रवाल महाविद्यालय के महाराजा अग्रसेन सभागार में महाव्रती कर्मयोगी प्रचारक सोहन सिंह नामक पुस्तक का विमोचन किया।

संघ के वरिष्ठ प्रचारक सोहन सिंह के जीवन पर लिखी इस पुस्तक का संपादन एक वरिष्ठ पत्रकार ने किया है। इस अवसर पर सुरेश चन्द्र ने सोहन सिंह से जुडे संस्मरण उपस्थित स्वयंसेवकों के बीच रखा।

उन्होंने बताया कि सोहन सिंह 1973 में हरियाणा से राजस्थान आए और फिर दिल्ली तक संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन लगभग चार दशकों तक किया।

उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन संघ कार्य के माध्यम से भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया था। उनका जीवन कठोर अनुशासन के साथ वात्सलय भाव से भरा था। उनका रोम- रोम राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित था।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में संघ कार्य को दृढता प्रदान की, संघ कार्य को व्यवस्थित किया तथा प्रत्येक गांव गांव तथा शहरों में मण्डल स्तर तक संघ कार्य का विस्तार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने 1985 में राजस्थान सीमा पर बढ रही पाक घुसपैठ व तस्करी से निपटने के लिए सीमा जन कल्याण समिति का गठन किया। सोहन सिंह ने 1975 में संघ पर लगे प्रतिबन्ध के समय सत्याग्रह किया। उन्हें गिरफ्तार कर जयपुर जेल में रखा गया था।

उन्होंने राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों के विकास की प्रेरणा दी। विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार सोहन सिंह की प्रेरणा से किया गया।

उनका मानना था कि यह स्थल महज पर्यटक स्थल न बने बल्कि श्रद्धा का केन्द्र बने। सोहन सिंह की प्रेरणा से ही चित्तौडगढ किला, हल्दीघाटी, कुंभलगढ के साथ अजयमेरू नगर के तारागढ में पृथ्वीराज चौहान का स्मारक, जोधपुर में अरावली पर्वतमाल के मसूरीया पर वीर दुर्गादास राठौड की प्रतिमा उन्हीं की प्रेरणा है।