कानपुर। पांच साल पहले कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हुई बैठक में अंदरखाने तय हो गया था कि आगामी लोकसभा चुनाव की कमान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी जाएगी। जिसके बाद एक बार फिर संघ ने कानपुर को लकी मानते हुए 11 जुलाई से बैठक करने जा रहा है।
बैठक में यूपी फतह के लिए पूरी रणनीति तैयार की जाएगी। बैठक में पहले तो पीएम को भी आना था लेकिन बाद में दूरियां बना ली गई। अब मोहन भागवत ही यूपी चुनाव फतह के लिए स्वयं सेवकों के साथ मंथन करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कानपुर में 11 जुलाई से पांच दिवसीय बैठक का आयोजन करने जा रहा है। हालांकि अभी कोई भी प्रचारक इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा है कि किस जगह पर बैठक होना है।
इस बैठक को मीडिया से पूरी तरह से दूर रखा गया है। लेकिन यह तय है कि बैठक में केन्द्र सरकार के कार्यों की समीक्षा होना है। इसके साथ ही लगातार हो रहे एफडीआई के विरोध को देखते हुए भी विचार विमर्श किया जाएगा।
बहुत कुरेदने पर एक प्रचारक ने बताया कि बैठक का फोकस यूपी चुनाव ही होगा। संभावना है कि बैठक बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में होने जा रही है। यूपी चुनावों से पहले होने वाली यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
खास बात यह है कि बैठक में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी भी शामिल होंगे। जो पिछले एक वर्ष से अध्ययन अवकाश पर हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रांत प्रचारकों की यह वार्षिक बैठक है जो हर साल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद जुलाई में होती है। इस बैठक में देश भर में तैनात आरएसएस के प्रांत प्रचारक हिस्सा लेते हैं।
संघ के लिए कानपुर लकी है, कभी कानपुर आजादी के दीवानों के लिए तो कभी श्रमिक नेताओं की बैठक के लिए मुफीद रहा है। यह सभी बैठक इस बात का गवाह है कि समाज व देश में परिवर्तन लाई हैं।
ऐसे में लोकसभा चुनाव 2014 फतह करने के लिए संघ ने कानपुर में बैठक कर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पांच साल पहले मुहर लगाई थी। इसी के चलते अब संघ 11 जुलाई को फिर कानपुर को लकी मानते हुए पांच दिवसीय बैठक का आयोजन करने जा रहा है।
मोहन भागवत जीत का देंगे मंत्र
सूत्रों के मुताबिक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने पूरे उत्तर प्रदेश के संघ पदाधिकारियों व भाजपा विधायकों, सांसदों को बुलाया है। यहीं से तय होगा कि आगामी विधान सभा चुनाव के लिए किस तरह के मुद्दे बनाए जाय। इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी अंदरखाने मुहर लग सकती है।
मोदी की जगह शाह होगें शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कानपुर दौरा टलने के बाद अब यह संभावना है कि बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिरकत करेंगें। यूपी चुनाव बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आरएसएस भी इसमें पार्टी को पूरा सहयोग कर रहा है।
खबरों के मुताबिक आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले की लखनऊ में तैनाती इसी मकसद से की गई है ताकि चुनाव की दृष्टि से संगठन को चाक-चैबंद किया जा सके। ऐसा ही एक नाम है सुरेश सोनी जो एक वर्ष के अध्ययन अवकाश पर थे।
सोनी ने करीब एक दशक तक बीजेपी और आरएसएस के बीच समन्वय की भूमिका निभाई। मगर केंद्र में अपने बूते बीजेपी की सरकार आने के कुछ समय बाद अक्टूबर 2014 में उनके दायित्व में परिवर्तन किया गया था।