जम्मू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक ब्रि. सुचेत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2016 इस बार 11 मार्च से 13 मार्च तक राजस्थान के नागौर में रही जिसमें प्रमुखता तीन प्रस्ताव पारित किए गए।
इनमें पहला ’प्रभावी स्वास्थ्य, रक्षा एवं सस्ती व सुलभ चिकित्सा की आवश्यकता’, दूसरा ’गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती शिक्षा सबको सुलभ हो’ तथा तीसरा दैनन्दिन जीवन में समरसतापूर्ण व्यवहार से संबंधित है।
पहले प्रस्ताव में कहा गया कि देश में सभी नागरिक आजीवन स्वस्थ व निरोग रहें इस हेतु स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली का अनुसरण एवं सर्व साधारण के लिये चिकित्सा की सुलभता परम आवश्यक है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा स्वयंसेवकों सहित सभी देशवासियों, स्वैच्छिक संगठनों व सरकार का आवाहन करती है कि सभी नागरिकों के जीवन को निरामय बनाने हेतु स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्या, शिशु व जननी स्वास्थ्य रक्षा और कुपोषण व नशा विमुक्ति हेतु समाज जागरण के प्रयास करें।
वहीं दूसरे प्रस्ताव में कहा गया कि किसी भी राष्ट्र व समाज के सर्वांगीण विकास में शिक्षा एक अनिवार्य साधन है, जिसके संपोषण, संवर्द्धन व संरक्षण का दायित्व समाज व सरकार दोनों का है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा केन्द्र, राज्य सरकारों व स्थानीय निकायों से आग्रह करती है कि सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबको उपलब्ध कराने के लिए समुचित संसाधनों की व्यवस्था तथा उपयुक्त वैधानिक प्रावधान सुनिश्चित करें।
प्रतिनिधि सभा स्वयंसेवकों सहित समस्त देशवासियों का भी आवाहन करती है कि शिक्षा प्रदान करने के पावन कार्य हेतु विशेषकर ग्रामीण, जनजातीय एवं अविकसित क्षेत्र में वे आगे आवें ताकि एक योग्य, क्षमतावान व ज्ञानाधारित समाज का निर्माण हो सके जो इस राष्ट्र के उत्थान व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि भारत एक प्राचीन राष्ट्र है और उसकी चिंतन परंपरा भी अति प्राचीन है। सभी मनुष्य सामान है क्योंकि प्रत्येक मुनष्य में वही ईश्वरीय तत्व सामान रूप से व्याप्त है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सभी पूज्य संतों, प्रवचनकारों, विद्वज्जनों और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं से विनम्र अनुरोध करती है कि इस हेतु समाज प्रबोधन में वे भी अपना सक्रिय योगदान दें।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा स्वयंसेवकों सहित सभी नागरिकों से समरसता के अनुरूप व्यवहार करने का तथा सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों से समरसता का भाव सुदृढ़ करने के हर संभव प्रयास करने का आग्रह करती है।
इस अवसर पर प्रांत कार्यवाह पुरूषोतम दधिचि ने बताया कि पूरे देश में शाखाओं में वृद्धि हुई है। पिछले एक साल में 5500 शाखाएं बढ़ी हैं और यह सत्त चलने वाली प्रक्रिया है। समाज के बीच में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी है, देशभर में 58000 हजार गांवों तक संघ की पहुंच है।
करीब ढाई लाख गांवों में संघ की विभिन्न जागरण पत्र पत्रिकाएं जाती हैं, पिछले वर्ष घर से दूर रहकर विस्तारक के रूप में संघ कार्य करने वाले 14500 कार्यकर्ता रहे। देश में इस समय 152388 सेवा कार्य चल रहे हैं।
अपने प्रांत में पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत शाखाओं में वृद्धि हुई है और इसी मात्रा में समाज में संघ की स्वीकार्यता नए-नए स्थानों पर बढ़ी है। उन्होंने बताया कि यह वर्ष ’आचार्य अभिनव गुप्त का सहस्राब्दी समारोह वर्ष’ पूरे देश में मनाने का निर्णय किया गया है।
क्योंकि आचार्य अभिनव गुप्त का संबंध जम्मू-कश्मीर से रहा है इसलिए जम्मू-कश्मीर के समस्त समाज से आह्वान है कि आचार्य अभिनव गुप्त निमित आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों में भरपूर सहयोग दें।