नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों को लेकर कांग्रेस सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा में हंगामा किया, जिससे प्रश्नकाल को बीच में स्थगित करना पड़ा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रश्न काल के दौरान यह मुद्दा उठाया, लेकिन यहां वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी के साथ सरकार की बातचीत करने की इच्छा से सदन को अवगत कराया, जिसके बाद यहां कार्यवाही शांति से चल पाई।
सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस सांसदों ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें इसकी मंजूरी नहीं दी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया।
हालांकि, कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए और प्रधानमंत्री मोदी से माफी की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।
महाजन ने कहा कि सभी चुनाव खत्म हो गए हैं, चुनाव में सड़क पर कही गई बात को संसद में नहीं लाएं। मैं आपको इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दे रही हूं। फिर भी कांग्रेस सांसद नहीं रुके और नारेबाजी करने लगे।
इससे नाराज लोकसभा अध्यक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र में बाधा डालने के लिए काग्रेस की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मैं आप से बार-बार आग्रह कर रही हूं कि प्रश्नकाल में बाधा मत डालिए। नियमों के मुताबिक, मैं अनुमति नहीं दे सकती और मैं अनुमति नहीं दूंगी।
उन्होंने कहा कि यदि आप शीतकालीन सत्र को नहीं चलने देना चाहते तो इसे लिखित में दीजिए।इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इसके बाद जब सदन फिर से शुरू हुआ तो कांग्रेस सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। सदन में शून्य काल की कार्यवाही शुरू हुई, फिर भी कुछ सदस्यों ने हंगामा जारी रखा।
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भोजनावकाश के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस ने जो कुछ भी किया है, वह शर्मनाक व निंदनीय है। उन्होंने एक मुद्दा उठाया व सदन के वेल में आ गए, जो खुद में गलत है। उन्होंने सदन वेल से अपनी कार्यवाही चलाने की कोशिश की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिना अनुमति के एक पूरा भाषण पढ़ने की कोशिश की। यह अध्यक्ष का अपमान है।
मंत्री ने कहा कि मैं दृढ़ता से इसकी निंदा करता हूं। ईश्वर उन्हें समझ दें। ऊपरी सदन में हालांकि सरकार द्वारा इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को बातचीत के लिए बुलाने के बाद कार्यवाही शांतिपूर्ण चली।
आरोप के लिए मोदी से माफी की मांग कर रही कांग्रेस, राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा विपक्षी नेताओं और सत्ता पक्ष के साथ एक अनौपचारिक बैठक करने के बाद बातचीत के विचार पर सहमति हो गई।
राज्यसभा के नेता अरुण जेटली ने कहा कि हम समाधान निकाल लेंगे। हम निश्चित रूप से विपक्ष के नेता समेत अपने सभी सहकर्मियों को बुलाएंगे और बातचीत करेंगे। आजाद द्वारा यह मुद्दा उठाने के बाद जेटली ने सदन को इस मुद्दे पर आश्वस्त किया।
आजाद ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन कुछ आरोप देश व लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं। इस तरह के आरोप पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति व अन्य लोगों पर लगाए गए हैं। उनकी गरिमा और ईमानदारी पर प्रश्न उठाया गया। प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए। अगर कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
नायडू ने सदन को सूचित किया कि उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक की है और मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार विपक्षी पार्टी के नेताओं से बातचीत करेगी और कोई समाधान निकालेगी। जेटली के आश्वासन के बाद कांग्रेस नेता अपनी सीटों पर चले गए और प्रश्न काल की कार्यवाही आगे बढ़ी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के आवास पर आयोजित भोज में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त व पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी के साथ गुजरात चुनाव पर चर्चा की थी।