सिरोही। राजकीय महाविद्यालय, सिरोही में शनिवार को को राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा, राष्ट्रीय) की सिरोही इकाई द्वारा कत्र्तव्य बोध दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुनील व्यास, शिक्षाविद् एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख कैलाश जोशी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपाचार्य डाॅ. कमला बन्घु, उपाचार्य ने की।
इस दौरान सुनील व्यास ने भारतीय इतिहास के प्रेरणादायक उदाहरणों व रामायण महाकाव्य के चरित्रों के द्वारा हमारे राष्ट्र व समाज के प्रति कत्र्तव्यों से श्रोताओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सिर्फ रूक्टा राष्ट्रीय जैसे संगठन ही कत्र्तव्य बोध दिवस मनाते है। कैलाश जोशी ने अपने विचार प्रस्तुत करते समय प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से राष्ट्र नव-निर्माण के गीतों द्वारा राष्ट्र के प्रति दायित्वों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि हमे अपने दायित्वों का बोध होना आवश्यक है।
उपाचार्य डाॅ. कमला बन्धु ने अधिकार-कत्र्तव्यों को एक दूसरे का पूरक बताते हुए बताया कि संविधान में लिखित कत्र्तव्य हमें अपने दायित्वों का बोध कराते है। इसी क्रम में उन्होंने भारतीय समाज की धुरी आश्रम व्यवस्था का सटीक उदाहरण प्रस्तुत किया जो जीवन पर्यन्त मनुष्यों को कत्र्तव्यों की सीमा में बांध कर रखती है। इस अवसर पर मंच संचालन रूक्टा राष्ट्रीय की इकाई सचिव कुसुम राठौड़ द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय, सिरोही से डाॅ. रूचि पुरोहित, डाॅ. हेमलता, डाॅ. सीमा वाष्र्णेय, डाॅ. शारदा भण्डारी, डाॅ. उषा चैहान, डाॅ. रेणुका वर्मा, डाॅ. संजय पुरोहित, डाॅ. जे. जे. मिश्रा, डाॅ. गायत्री प्रसाद, डाॅ. अतुल भाटिया व राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरोही से डाॅ. मनीष सक्सेना, डाॅ. शैलेन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. दिनेश सोनी एवं डाॅ. योगेश शर्मा इत्यादि उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त महाविद्यालय के कई विद्यार्थी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।